नर्मदापुरम 06,नवम्बर, (हिन्द संतरी) सिवनी मालवा विकासखंड के ग्राम डोलरिया एवं धरमकुंडी का आज कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने भ्रमण कर नरवाई (पराली) प्रबंधन हेतु बेलर मशीन से नरवाई के बेल्स तैयार करने की प्रक्रिया का अवलोकन किसानों से नरवाई न जलाने की अपील कर किये जा रहे नरवाई प्रबंधन की प्रशंसा की। डोलरिया के कृषक शिशुपाल सिंह पटेल के खेत पर पराली प्रबंधन का काम बेलर मशीन से होते देख कलेक्टर ने संतोष व्यक्त किया। इस दौरान उपसंचालक कृषि जे आर हेडाऊ, तहसीलदार अनिल गढ़वाल, उप यंत्री कृषि अभियांत्रिकी विभाग सहित अन्य कृषक बंधु, अधिकारी एवं अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे।
कलेक्टर ने किसानों से अफवाहों पर ध्यान न देने की सलाह देते हुए शासन द्वारा अतिवृष्टि से हुई फसल क्षति का नियमानुसार मुआवजा प्रदान किया जाने को आश्वस्त करते हुए उनकी समस्याओं के समाधान के लिए प्रशासन के पूर्णतः प्रतिबद्ध रहने की बात कही। कलेक्टर ने तहसीलदार डोलरिया को निर्देश दिए कि जिन क्षेत्रों में नरवाई जलाने की घटना पाई जाए, वहाँ संबंधित के विरुद्ध नियमानुसार जुर्माना अधिरोपित किया जाए। साथ ही, यदि नरवाई जलाने से किसी अन्य खेत की फसल, संपत्ति अथवा पशुओं को क्षति पहुँचती है, तो ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज कर आवश्यक कार्यवाही की जाए।
सुश्री सोनिया मीना ने निरीक्षण के दौरान रैक, रोटरवेटर, बेलर, डिस्क हैरो आदि मशीनो का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने सहज रूप से किसानों के बीच चौपाल लगाकर उनसे उनकी समस्याओं की जानकारी भी ली। कलेक्टर ने सरलता पूर्वक किसान भाइयों को समझाते हुए कहा कि पराली के प्रबंधन के लिए प्रशासन द्वारा यथासंभव उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से नरवाई का प्रबंधन किया जा रहा है। किसान भाइ नरवाई ना जलाकर उसके उचित प्रबंधन की तरफ ध्यान दें यह आज की नही अपितु भविष्य की भी आवश्यकता है। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने उपस्थित किसान श्री शिशुपाल सिंह पटेल के नरवाई प्रबंधन के निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि आपके द्वारा यह जो कदम उठाया गया है वह बहुत सकारात्मक है और क्षेत्र के किसानों को भी जागरूक करने के लिए उपयोगी साबित होगा। भ्रमण के दौरान कलेक्टर ने नरवाई प्रबंधन के लिए किये जा रहे उपाय की भी जानकारी ली। किसानों द्वारा बताया गया कि नारवाई/पराली के प्रबंधन के लिए बहुत ही उपयोगी विधि है।
बेलर मशीन संचालक ने बताया कि असमय वर्षा के कारण मशीन संचालन में विलंब हुआ, किन्तु अधिकतम क्षेत्र को कवर करते हुए पराली का प्रबंधन किया जाएगा। इसके लिए अन्य राज्यों से कुशल ऑपरेटर भी बुलाए गए हैं। कलेक्टर ने एसएडीओ को निर्देशित किया कि वे किसानों के साथ बैठक आयोजित कर उन्हें नरवाई प्रबंधन की प्रक्रिया से पूर्णतः अवगत कराएं। उन्होंने किसानों से कहा कि वे अपनी आवश्यकताओं के संबंध में प्रस्ताव तैयार कर प्रशासन को सौंपें, ताकि शासन स्तर पर आवश्यक कार्रवाई की जा सके।
