भोपाल । बिहार के बाद आज यानि मंगलवार से 12 राज्यों में मतदाता सूची के शुद्धिकरण का कान शुरू हो गया है। इन राज्यों में मध्यप्रदेश भी शामिल है, जहां SIR की प्रक्रिया लागू हो गई है। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार, 28 अक्टूबर से प्रदेशभर में मतदाता सूची के सत्यापन का कार्य आरंभ हो चुका है। यह अभियान 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर मतदाताओं का वेरिफिकेशन करेंगे।
सत्यापन के दौरान यदि कोई मतदाता अनुपस्थित रहता है, तो परिवार का कोई सदस्य भी यह प्रक्रिया पूरी कर सकेगा। चुनाव आयोग का मुख्य उद्देश्य डुप्लीकेट वोटरों के नाम हटाना और छूटे हुए पात्र व्यक्तियों के नाम जोड़ना है।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि वेरिफिकेशन के लिए 11 प्रकार के दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, जैसे आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस आदि। नई बहुएं और 18 वर्ष पूरे कर चुके युवा इस अवसर का लाभ उठाकर अपना नाम मतदाता सूची में शामिल करवा सकेंगे।
मध्य प्रदेश मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव कुमार झा ने सोमवार को उप जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 (SIR) के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
प्रक्रिया के दौरान सभी जानकारी सटीक और सत्य प्रदान करना अनिवार्य है। यदि कोई गलती, चूक या झूठी सूचना दी गई, तो कानूनी कार्रवाई हो सकती है, जिसमें एक वर्ष तक की कैद या जुर्माना शामिल है।
आयोग ने सुविधा के लिए ऑनलाइन माध्यम भी उपलब्ध कराया है, जिससे मतदाता घर बैठे अपना नाम, पता और अन्य विवरण सत्यापित कर सकेंगे। वेबसाइट या ऐप के जरिए यह कार्य आसानी से किया जा सकता है। अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 7 फरवरी 2026 को होगा, जिसके बाद कोई संशोधन संभव नहीं रहेगा।
यह अभियान लोकतंत्र की मजबूती के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे मतदाता सूची शुद्ध, अद्यतन और विश्वसनीय बनेगी। नागरिकों से अपील है कि वे बीएलओ के आने पर सहयोग करें, दस्तावेज तैयार रखें और सही जानकारी दें। इससे न केवल फर्जी वोटिंग रुकेगी, बल्कि पात्र मतदाताओं को उनका अधिकार मिलेगा।
मध्य प्रदेश चुनाव आयोग ने सभी जिलों में विशेष टीम गठित की है, जो प्रक्रिया की निगरानी करेगी। कुल मिलाकर, यह कदम चुनावी पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
