मध्य प्रदेश में भोपाल का ईटखेड़ी गांव शुक्रवार सुबह एक बार फिर इस्लामिक और अंतरराष्ट्रीय माहौल से भर गया। फजर की नमाज के तुरंत बाद दुनिया के सबसे बड़े इस्लामिक सम्मेलनों में से एक 78वां आलमी तबलीगी इज्तिमा औपचारिक रूप से शुरू हो गया। चार दिनों तक चलने वाला यह विशाल आयोजन 14 से 17 नवंबर तक चलेगा, जिसमें लगभग 12 लाख से अधिक जायरीन के आने की संभावना जताई जा रही है। इस साल इज्तिमा की खास बात यह है कि इंडोनेशिया, केन्या, मलेशिया, सऊदी अरब, ईरान, मोरक्को समेत 19 देशों से भी भोपाल पहुंच चुके हैं। उनकी आमद लगातार जारी है, जिससे आयोजन स्थल पर दुनिया भर की भाषाओं और संस्कृतियों की एक अनूठी झलक देखने को मिल रही है।
600 एकड़ में फैला आध्यात्मिक विशाल आयोजन
हर साल की तुलना में इस बार इज्तिमा की तैयारी और प्रबंधन दोनों ही काफी बड़े पैमाने पर किए गए हैं। मुख्य पंडाल: 120 एकड़। पार्किंग व्यवस्था 350 एकड़ । कुल आयोजन क्षेत्र: लगभग 600 एकड़ में है। यह विशाल व्यवस्था न सिर्फ देश के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक को संचालित करती है, बल्कि दुनिया भर से आए लाखों लोगों को भोजन, पानी, पार्किंग, आवासीय टेंट, साफ-सफाई और चिकित्सा सुविधाओं जैसी आवश्यकताओं से भी जोड़ती है। कमेटी के सदस्य बताते हैं कि इस बार पंडाल की साउंड सिस्टम, रोशनी, वज़ू व्यवस्था, दिशानिर्देश बोर्ड और भीड़ प्रबंधन पहले से कहीं अधिक सुगठित है। आयोजन स्थल पर 24 घंटे मेडिकल टीम, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की तैनाती की गई है। इज्तिमा का मुख्य आकर्षण होता है रोजाना दी जाने वाली चार तकरीरें, फज्र के बाद, जुहर के बाद, असर के बाद, मगरिब के बाद। इन तकरीरों में दीनी संदेश, सामाजिक सुधार, उम्मत की बेहतरी, नैतिक मूल्यों और मानवता की राह से जुड़े विषयों पर बातें होती हैं। दिलचस्प बात यह है कि वक्ताओं के नाम पहले से घोषित नहीं किए जाते, ताकि ध्यान पूरी तरह संदेश पर ही केंद्रित रहे। कमेटी सदस्य डॉ. उमर हफ़ीज़ के अनुसार, हर तकरीर तय समय पर ही होगी और जायरीन को संदेश सीधे और साफ तरीके से पहुंचाया जाएगा।
दिल्ली विस्फोट के बाद सुरक्षा व्यवस्था हुई और मजबूत
हाल ही में दिल्ली में हुए धमाके के बाद भोपाल प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। इज्तिमा में लाखों लोगों की मौजूदगी को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने अभूतपूर्व तैयारियाँ की हैं। आईजी अभय सिंह ने बताया कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर का आयोजन है, जिसमें सुरक्षा, ट्रैफिक, इमरजेंसी सेवाओं और भीड़ नियंत्रण के लिए सभी एजेंसियां एक साथ काम कर रही हैं। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, आयोजन स्थल और रास्तों में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है। जीआरपी एसपी राहुल लोढ़ा के अनुसार, इज्तिमा के दौरान रोजाना दो बार अलग-अलग जगहों पर रेंडम चेकिंग की जाएगी, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।” लाखों लोगों की आवागमन को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस ने आसपास के क्षेत्रों में कई वैकल्पिक मार्ग भी तैयार किए हैं। भारी वाहनों की एंट्री कुछ समय के लिए प्रतिबंधित, आयोजन स्थल की ओर जाने वाले रास्तों पर एक-वे व्यवस्था, पार्किंग से पंडाल तक ई-रिक्शा और शटल सेवाएँ, रात में अतिरिक्त लाइटिंग व्यवस्था सभी सुनिश्चित किए गए हैं। प्रशासन का लक्ष्य है कि जायरीन को आने-जाने में किसी प्रकार की परेशानी न हो।
