नई दिल्ली। अगर आपके विवाह की योजनाएँ बार बार अटक रही हैं या रिश्ते बनते बनते बिगड़ जाते हैं। तो 25 नवंबर 2025 को आने वाली विवाह पंचमी आपके लिए शुभ अवसर साबित हो सकती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन किए गए विशेष उपाय मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाले माने जाते हैं। और विवाह से जुड़े सभी बाधाओं को दूर करने में मदद करते हैं।
विवाह पंचमी की महत्ता इस तथ्य में है कि यह वही पावन तिथि है। जब भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह संपन्न हुआ था। इस कारण इसे दांपत्य सुख शुभ विवाह और मनोकामनाओं की सिद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस वर्ष यह तिथि पूरे वर्ष की सबसे मंगलमय तिथियों में गिनी जा रही है। और इसका महत्व उन सभी युवाओं और परिवारों के लिए विशेष है। जो विवाह में किसी न किसी कारणवश रुकावटों का सामना कर रहे हैं।
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने शादी में रुकावट दूर करने के लिए सरल और असरदार उपाय बताए हैं। पहला उपाय है एक पोटली तैयार करना। जिसमें 11 हल्दी की गांठ और 11 दुर्वा यानी दूब घास को पीले कपड़े में बांधकर एक छोटी पोटली बनाई जाती है। यह पोटली पूजा के दौरान भगवान श्री गणेश जी के चरणों में श्रद्धा पूर्वक अर्पित की जाती है।
दूसरा महत्वपूर्ण कदम है मनोकामना व्यक्त करना। इस दौरान अपने मन की शुद्ध इच्छा के साथ विवाह से जुड़ी सभी इच्छाओं को भगवान गणेश के समक्ष स्पष्ट रूप से रखें। तीसरा कदम है दही-हल्दी का लेप भगवान गणेश पर चढ़ाना। इसे शुभ लेप माना गया है। जो विशेष रूप से विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करने में फलदायी होता है। इस प्रक्रिया को सच्ची श्रद्धा संयम और विश्वास के साथ करने से विवाह से जुड़े सभी समस्याओं में राहत मिलती है।
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि विवाह पंचमी के दिन किए गए ये उपाय विवाह बाधाओं को कम करने के साथ ही सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करते हैं। जिससे रिश्ते बनने लगते हैं और विवाह के योग जल्दी बनते हैं। इस उपाय को करने वाले युवक युवतियों के जीवन में जल्द ही शुभ संकेत दिखाई देने लगते हैं। और कई बार तो इन्हें विवाह संबंधी निर्णय लेने में स्पष्ट मार्गदर्शन भी मिलता है।
विवाह पंचमी के दिन भगवान श्री गणेश की आराधना करने से केवल विवाह संबंधी बाधाएँ ही दूर नहीं होतीं। बल्कि मन में शांति, संतुलन और आत्मविश्वास भी बढ़ता है। जिससे जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी सकारात्मक बदलाव दिखाई देते हैं। पंडित मुद्गल ने यह भी सलाह दी है। कि यह पूजा श्रद्धा और विश्वास के साथ की जाए। और किसी भी प्रकार की जल्दबाजी या अधूरी भावना से बचा जाए।
इस दिन विवाह संबंधी उपायों को करने से परिवार के सभी सदस्य भी सुख और सहयोग का अनुभव करते हैं। और रिश्तों में सामंजस्य बढ़ता है। विवाह पंचमी केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं बल्कि यह जीवन में नए आरंभ और शुभ संयोगों का प्रतीक भी है। इसलिए इसे विशेष महत्व देना चाहिए। और इस दिन किए गए उपायों से शादी में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सकता है।
संक्षेप में यह कहा जा सकता है कि 25 नवंबर 2025 की विवाह पंचमी युवा जोड़ों के लिए एक सुनहरा अवसर है। पंडित मुद्गल द्वारा बताए गए उपायों का पालन करने से विवाह में रुकावटें कम होती हैं। रिश्तों में समझ बढ़ती है। और विवाह के योग शीघ्र बनते हैं। यह उपाय सरल हैं। प्रभावशाली हैं। और सही श्रद्धा के साथ किए जाने पर जीवन में खुशहाली और सफलता लेकर आते हैं।
