नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI), जो दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्डों में से एक है, ने एक बार फिर अपनी स्पॉन्सरशिप से होने वाली कमाई में भारी इजाफा किया है। हाल ही में एशियन पेंट्स (Asian Paints) ने BCCI के ऑफिशियल पार्टनर के रूप में डील साइन की है। यह साझेदारी BCCI के लिए एक बड़ा वित्तीय कदम साबित हो सकती है, क्योंकि इससे बोर्ड की सालाना ऑफिशियल पार्टनरशिप कमाई अब लगभग ₹180 करोड़ तक पहुंच गई है। इस नई डील का आधिकारिक ऐलान 25 नवंबर को सुबह 11 बजे किया जाएगा।
एशियन पेंट्स ने BCCI से जुड़कर एक नई शुरुआत की
एशियन पेंट्स अब उन बड़ी कंपनियों में शामिल हो गया है, जो भारतीय क्रिकेट बोर्ड के आधिकारिक साझेदार हैं। इससे पहले, BCCI के साथ कैंपा (Campa), एटमबर्ग (Atomberg), और एसबीआई लाइफ (SBI Life) जैसी प्रमुख कंपनियां जुड़ी हुई थीं। एशियन पेंट्स का नाम अब इस लिस्ट में जुड़ने से बोर्ड की वित्तीय स्थिति और मजबूत हुई है। इस साझेदारी से क्रिकेट बोर्ड को और भी अधिक वैश्विक पहचान मिल सकती है, क्योंकि एशियन पेंट्स का ब्रांड भारतीय बाजार में एक प्रमुख स्थान रखता है।
BCCI की आधिकारिक पार्टनरशिप कमाई का आंकड़ा
BCCI की आधिकारिक पार्टनरशिप से होने वाली सालाना कमाई का अनुमान अब ₹180 करोड़ के आसपास है, जिसमें एशियन पेंट्स की साझेदारी के बाद बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा, अन्य ऑफिशियल पार्टनर्स से भी बोर्ड को अच्छा खासा रेवेन्यू मिल रहा है। यहां BCCI के प्रमुख ऑफिशियल पार्टनर्स और उनकी सालाना कमाई का विवरण दिया गया है:
कैंपा (Campa): ₹48 करोड़
एटमबर्ग (Atomberg): ₹41 करोड़
एसबीआई लाइफ (SBI Life): ₹47 करोड़
एशियन पेंट्स (Asian Paints): (सटीक आंकड़ा प्रतीक्षित)
इससे यह स्पष्ट होता है कि BCCI की स्पॉन्सरशिप में लगातार वृद्धि हो रही है और इसकी वित्तीय स्थिति पहले से कहीं बेहतर हो गई है।
जर्सी स्पॉन्सरशिप से भी बंपर कमाई
BCCI ने हाल ही में अपनी जर्सी स्पॉन्सरशिप के लिए भी एक बड़ी डील साइन की है। अपोलो टायर्स (Apollo Tyres) ने टीम इंडिया की जर्सी स्पॉन्सरशिप का कॉन्ट्रैक्ट अपने नाम किया है। यह डील तीन साल के लिए है और इसकी वैल्यू ₹579 करोड़ है। यह डील सितंबर के अंत में फाइनल हुई थी, जब ड्रीम11 ने अपने नाम वापस ले लिया था। अपोलो टायर्स अब टीम इंडिया की जर्सी पर ब्रांडिंग दिखा रहा है, जो वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में दिखाई दे रही है।
इस जर्सी स्पॉन्सरशिप डील से BCCI को एक और बड़ा वित्तीय फायदा हुआ है। इससे बोर्ड की ब्रांड वैल्यू को भी फायदा पहुंचा है, और टीम इंडिया के साथ जुड़े प्रायोजकों की संख्या भी बढ़ गई है।
BCCI की स्पॉन्सरशिप रणनीति की सफलता
BCCI की यह रणनीति लगातार नए प्रायोजकों के साथ साझेदारी करना, बोर्ड की वित्तीय मजबूती को और अधिक सशक्त बना रही है। यह रणनीति न केवल बोर्ड के लिए फायदेमंद है, बल्कि भारतीय क्रिकेट की वैश्विक पहचान को भी मजबूती प्रदान कर रही है। क्रिकेट विश्लेषकों के अनुसार, BCCI की यह सफलता इसे वित्तीय और व्यावसायिक रूप से बेहद मजबूत बनाती है।
साल 2025 में BCCI के द्वारा की गई बड़ी स्पॉन्सरशिप डील्स ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय क्रिकेट न केवल खेल के मामले में, बल्कि व्यापार में भी नंबर वन है। इसके द्वारा की गई सही रणनीतियां भारतीय क्रिकेट को वैश्विक स्तर पर और भी अधिक लोकप्रिय बना रही हैं, जिससे खिलाड़ियों के प्रदर्शन और टीम इंडिया की सफलता पर भी सकारात्मक असर पड़ रहा है।
आगे की राह
BCCI की स्पॉन्सरशिप रणनीति से भविष्य में और भी बड़ी डील्स होने की संभावना जताई जा रही है। इसके साथ ही, बोर्ड के वित्तीय मामलों में यह वृद्धि भारतीय क्रिकेट के लिए एक सकारात्मक संकेत है। आने वाले वर्षों में BCCI की स्पॉन्सरशिप से होने वाली कमाई में और भी वृद्धि हो सकती है, और यह सुनिश्चित करेगा कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड दुनिया के सबसे बड़े और सबसे अमीर क्रिकेट बोर्डों में बना रहे।
