नई दिल्ली। दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेज़न ने ग्लोबली लगभग 14,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालकर चौंकाया है। यह कदम कंपनी के बड़े पुनर्गठन और लागत कटौती की योजना का हिस्सा बताया जा रहा है। हालांकि, कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने का तरीका बेहद विवादित रहा, जिससे कर्मचारियों में गहरी चिंता और आक्रोश फैल गया।
अमेज़न ने प्रभावित कर्मचारियों को सुबह-सवेरे मोबाइल पर दो टेक्स्ट संदेश भेजकर नौकरी से निकाले जाने की जानकारी दी। पहला संदेश कर्मचारियों को अपने प्राइवेट या ऑफिसियल ईमेल देखने के लिए कहता था, जबकि दूसरे संदेश में हेल्प डेस्क का नंबर और अन्य निर्देश दिए गए। कर्मचारियों ने इस अप्रत्याशित और गैर-पारंपरिक तरीके पर हैरानी जताई।
छंटनी का सबसे बड़ा असर रिटेल मैनेजमेंट टीमों पर पड़ा। कंपनी का कहना है कि यह कदम कार्यों को सुव्यवस्थित करने और व्यवसाय में तेजी से नवाचार लाने के प्रयास का हिस्सा है। यह पिछले साल से जारी कर्मचारियों की संख्या में कटौती की प्रवृत्ति का हिस्सा भी माना जा रहा है।
अमेज़न के नए टेक्स्ट मैसेज के तरीके ने बहस को जन्म दिया है। Google और Tesla जैसी अन्य बड़ी कंपनियों में भी कर्मचारी बिना पूर्व चेतावनी के सिस्टम से बाहर किए जाते हैं। बिजनेस इनसाइडर के अनुसार, अमेज़न ने अपने मैसेज इस तरह डिज़ाइन किए ताकि अमेरिका में कार्यालयों में अचानक उत्पन्न होने वाले भ्रम और असहज स्थिति से बचा जा सके।
हालांकि, अमेज़न ने प्रभावित कर्मचारियों के लिए राहत उपाय भी घोषित किए हैं। एचआर हेड बेथ गैलेटी ने कहा कि छंटनी प्रभावित कर्मचारियों को 90 दिन का पूरा वेतन मिलेगा। इसके अलावा रिटायरमेंट पैकेज, जॉब प्लेसमेंट सहायता और अन्य लाभ भी उपलब्ध कराए जाएंगे। गैलेटी ने कर्मचारियों को व्यक्तिगत रूप से आश्वस्त किया कि अमेज़न की एचआर टीम 24 घंटे उनके सवालों और समस्याओं को हल करने के लिए उपलब्ध है।
बेथ गैलेटी ने कहा कि छंटनी के पीछे मुख्य कारण कंपनी में AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) की बढ़ती भूमिका है। AI के जरिए कामकाज के तरीकों में बदलाव आ रहा है, और इसे ध्यान में रखते हुए कंपनी को संरचनात्मक सुधार करने की आवश्यकता पड़ी। उन्होंने बताया कि यह परिवर्तन कर्मचारियों और कंपनी दोनों के भविष्य के हित में किया जा रहा है।
इस अप्रत्याशित छंटनी ने कर्मचारियों और उद्योग जगत में चिंता पैदा कर दी है। टेक्स्ट संदेश के माध्यम से नौकरी से निकालने का तरीका विवादास्पद माना जा रहा है, और इससे कर्मचारियों में असुरक्षा और तनाव बढ़ा है। विशेषज्ञों का कहना है कि बड़ी टेक कंपनियों में ऐसे फैसले तेजी से लिए जा रहे हैं, ताकि बाजार की प्रतिस्पर्धा में बने रह सकें, लेकिन कर्मचारी कल्याण और नैतिक जिम्मेदारी पर सवाल उठते हैं।
अमेज़न की यह छंटनी लहर न केवल कंपनी के रणनीतिक पुनर्गठन को दर्शाती है, बल्कि तकनीकी बदलाव और AI के बढ़ते प्रभाव के कारण नौकरियों पर बढ़ते दबाव को भी उजागर करती है। कर्मचारियों और उद्योग विशेषज्ञों की नजर अब इस बात पर होगी कि अमेज़न भविष्य में छंटनी के तरीके और कर्मचारियों के लिए राहत उपायों में क्या बदलाव करता है।
