बेंगलुरु । कर्नाटक की कांग्रेस सरकार अपने कार्यकाल के आधे मुकाम पर पहुँच रही है और ऐसे में मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलें जोरों पर हैं। इस बीच मुख्यमंत्री सिद्दारमैया द्वारा आयोजित डिनर कार्यक्रम को लेकर भी कई तरह की चर्चा हुई, लेकिन सीएम ने स्पष्ट किया कि यह एक सामान्य रात्रिभोज है और इसका मंत्रिमंडल फेरबदल से कोई संबंध नहीं है।
बागलकोट में मीडिया से बातचीत करते हुए सिद्दारमैया ने कहा कि वह अक्सर डिनर बैठकों की मेजबानी करते हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से यह संभव नहीं हो पाया था। इसलिए अब उन्होंने इस कार्यक्रम का आयोजन किया है। जब उनसे पूछा गया कि क्या यह डिनर बैठक विशेष है, तो उन्होंने जवाब दिया कि बैठक में कोई खास नहीं है, हालांकि मीडिया और विपक्षी दल इसे विशेष मान सकते हैं। उनका कहना था कि इस डिनर का मंत्रिमंडल फेरबदल से कोई लेना-देना नहीं है।
इससे पहले बेंगलुरु में भी मीडिया से बात करते हुए सीएम ने अटकलों को खारिज किया था। उन्होंने सवाल किया कि आखिर इस तरह की बैठक करना अपराध कैसे हो सकता है और भाजपा की टिप्पणियों के आधार पर इसे अपराध बताना गलत है। उनका स्पष्ट संदेश था कि यह सिर्फ एक औपचारिक डिनर है, न कि कोई राजनीतिक संकेत।
कर्नाटक सरकार नवंबर में अपने ढाई साल के आधे कार्यकाल को पूरा कर लेगी। इस दौरान कांग्रेस पार्टी में मुख्यमंत्री बदलने की चर्चाएँ लगातार चलती रही हैं। हालांकि पिछले कुछ समय से उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार और उनके समर्थक विधायकों ने इस मामले में अपनी आवाज़ कम कर दी है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, सिद्दारमैया और उनका खेमा यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि उनकी पकड़ कमजोर न हो। यही वजह है कि उन्होंने मंत्रिमंडल में फेरबदल के मामले में किसी तरह की जल्दी नहीं दिखाई।
सूत्रों का कहना है कि यदि ढाई साल पूरे होने के मौके पर मुख्यमंत्री अपने अनुसार मंत्रिमंडल में बदलाव करते हैं, तो यह जनता के बीच एक संदेश भी जाएगा कि वह आगे भी सत्ता में बने रहना चाहते हैं। वहीं, यह कदम उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के लिए चुनौती साबित हो सकता है, जो मुख्यमंत्री पद की दावेदारी का इंतजार कर रहे हैं। शिवकुमार ने हाल ही में कहा कि मीडिया में चल रही मंत्रिमंडल फेरबदल की खबरें अफवाहें हैं और इसे वास्तविकता से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।
इस बीच राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा भी चल रही है कि कांग्रेस पार्टी के अंदर विभिन्न गुटों की स्थिति और विधायकों के रुख के अनुसार मुख्यमंत्री के निर्णय जनता और पार्टी दोनों के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण होंगे। डिनर को लेकर सीएम ने स्पष्ट कर दिया है कि यह बैठक केवल आपसी संवाद और चर्चा का माध्यम है, न कि कोई संकेत या संकेतात्मक कदम।
कुल मिलाकर, कर्नाटक में मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर अटकलें जारी हैं, लेकिन मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने इसे महज अफवाह करार देते हुए कहा कि उनका उद्देश्य केवल सामान्य संवाद स्थापित करना था। राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि जैसे-जैसे आधा कार्यकाल पूरा होगा, ऐसे ही तरह की चर्चाएँ तेज होती जाएंगी, लेकिन फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और कोई तत्काल बदलाव की संभावना कम लग रही है।
