नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश के मेरठ में तेजगढ़ी चौराहे पर व्यापारी के साथ हुई मारपीट और उसे सड़क पर नाक रगड़वाने के मामले में पुलिस ने तीन और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस विवाद के मुख्य आरोपी और भाजपा नेता विकुल चपराणा को पार्टी ने सभी पदों से बर्खास्त कर दिया है। पुलिस अब उनकी दोबारा गिरफ्तारी की तैयारी में जुटी है और मामले में नई धाराओं का भी समावेश किया गया है।
मेरठ के तेजगढ़ी कांड ने सियासी और कानूनी दोनों ही स्तरों पर हलचल मचा दी है। पुलिस ने अब मुकदमे में मार्ग अवरुद्ध करने, बलवा फैलाने और वाहन में तोड़फोड़ करने की तीन नई धाराएं जोड़ी हैं। वहीं विपक्ष सरकार पर कानून व्यवस्था में चूक का आरोप लगाते हुए सक्रिय हो गया है, जबकि सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर भारी गुस्सा दिखाई दे रहा है।
इस पूरे प्रकरण में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं। घटना के वक्त पुलिस की मौजूदगी में हुई मारपीट और अभद्रता के चलते प्रशासन ने चौकी इंचार्ज समेत तीन पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है। पुलिस का कहना है कि सभी आरोपियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई जारी है।
जानकारी के अनुसार, विवाद तब शुरू हुआ जब भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व उपाध्यक्ष विकुल चपराणा का गाड़ी निकालने को लेकर कुछ युवकों से झगड़ा हो गया। आरोप है कि विवाद बढ़ने पर विकुल ने पुलिस की मौजूदगी में ही एक युवक की पिटाई की, गाली दी और उसे सड़क पर नाक रगड़ने को मजबूर किया। यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल होते ही सनसनी फैल गई और पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे।
बढ़ते दबाव के बाद भाजपा नेता विकुल चपराणा को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए साफ कहा कि योगी सरकार में कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और गलत काम करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
