नई दिल्ली। गायक-गीतकार लकी अली और गीतकार जावेद अख्तर के बीच विवाद गहराता जा रहा है। सिंगर लकी अली एक के बाद एक तंज कसने से बाज नहीं आ रहे हैं। बीते दिन उन्होंने जावेद अख्तर को उनके एक बयान के चलते घेरा था। अब एक बार फिर उन्होंने कटाक्ष करते हुए माफी मांगी है। ये माफी कम व्यग्य ज्यादा है। लकी अली का हालिया बयान भी वायरल हो गया है और लोग उनकी टिप्पणी पर अपने रिएक्शन साझा कर रहे हैं।
लकी अली ने कसा तंज
पहले जावेद अख्तर के एक पुराने वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें ‘बदसूरत’ कहने के बाद ‘ओ सनम’ हिटमेकर ने एक नई पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके शब्दों को गलत समझा गया और उनका इरादा किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था। एक्स पर लकी अली ने लिखा, ‘मेरा मतलब था कि अहंकार बदसूरत होता हैयह मेरी ओर से एक गलत संदेश था राक्षसों की भी भावनाएं हो सकती हैं और अगर मैंने किसी की राक्षसी प्रकृति को ठेस पहुंचाई है तो मैं माफी मांगता हूं।
क्या था विवाद?
यह विवाद जावेद अख्तर के एक पुराने वीडियो क्लिप के ऑनलाइन वायरल होने के बाद शुरू हुआ था। इसी वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए, लकी अली ने पहले टिप्पणी की थी, ‘जावेद अख्तर जैसे मत बनो, कभी भी रियल नहीं रहे और बदसूरत, ऐसा मत बनो। व्यक्तिगत और तीखे लहजे वाली इस टिप्पणी ने तुरंत ध्यान आकर्षित किया था। फिलहाल जिस विवाद को लकी अली ने जन्म दिया है, इस पर जावेद अख्तर की ओर से कोई रिएक्शन सामने नहीं आया है। हमेशा बेबाक और वोकल रहने वाले गीतकार की टिरप्पणी का लोग इंतजार कर रहे हैं।
जावेद अख्तर की टिप्पणी
अब आपको उस क्लिप के बारे में बताते हैं जिसने अली की प्रतिक्रिया को जन्म दिया। उसमें जावेद अख्तर बदलती सांस्कृतिक संवेदनशीलता के बारे में बात कर रहे थे और उन्होंने ‘शोले’ (जिसे उन्होंने सलीम खान के साथ मिलकर लिखा था) के एक दृश्य का जिक्र किया था। अख्तर ने कहा था, ‘शोले में एक दृश्य था जहां धर्मेंद्र शिव जी की मूर्ति के पीछे छिपकर बोलते हैं और हेमा मालिनी सोचती हैं कि शिव जी उनसे बात कर रहे हैं। क्या आज ऐसा दृश्य संभव है? नहीं, मैं आज ऐसा कोई दृश्य नहीं लिखूंगा।’ क्या 1975 में कोई हिंदू नहीं थे? क्या कोई धार्मिक लोग नहीं थे? थे।’
उन्होंने आगे कहा था, ‘दरअसल, मैं रिकॉर्ड पर हूं… राजू हिरानी और मैं पुणे में एक बड़े दर्शक वर्ग के सामने थे और मैंने कहा कि मुसलमानों की तरह मत बनो। उन्हें अपने जैसा बनाओ। तुम मुसलमानों की तरह बन रहे हो। यह एक त्रासदी है।’
