नई दिल्ली । भारतीय मार्केट में एलन मस्क एंट्री लेने की तैयारी कर रहे है. मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी Starlink भारत में जल्द ही लॉन्च हो सकती है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्टारलिंक पूरे भारत में 9 गेटवे अर्थ स्टेशन बनाने की योजना पर काम कर रहा है.
जिसके तहत, मुंबई, नोएडा, चंडीगढ़, हैदराबाद, कोलकाता और लखनऊ जैसे बड़े शहरों में कंपनी अपना गेटवे अर्थ स्टेशन बनाएगी. स्टारलिंक अपनी तेज रफ्तार इंटरनेट के लिए जाना जाता है. बिना मोबाइल नेटवर्क के भी, स्टारलिंक इंटरनेट की मदद से दूर-दराज के गांवों में इंटरनेट की सुविधा मिलेगी.
क्या है कंपनी की योजना?
एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्टारलिंक ने अपने पहले सेटेलाइट नेटवर्क (Gen 1 सैटेलाइट कॉन्स्टेलेशन) के लिए भारत सरकार को आवेदन दिया है. जिसके जरिए कंपनी 600 गीगाबिट प्रति सेकंड की क्षमता वाला इंटरनेट उपलब्ध करवाना चाहती है. हालांकि, दूरसंचार विभाग ने स्टारलिंक को डेमो के लिए अस्थायी स्पेक्ट्रम के इस्तेमाल की अनुमति दी है. जिससे सुरक्षा जांच की जा सके. सरकार ने स्टारलिंक को 100 यूजर टर्मिनल भारत में लाने और सिर्फ फिक्स्ड सैटेलाइट सर्विस की इजाजत दी है.
सरकार की सख्त निगरानी और कठोर कदम
भारत सरकार चाहती है कि, देशवासियों के साथ किसी भी तरह का दुरुपयोग ना हो. जिसको लेकर सरकार ने स्टारलिंक पर सख्त निगरानी रखने का फैसला लिया है. कंपनी की ओर से अपने अर्थ स्टेशन पर विदेशी तकनीकी एक्सपर्ट को लाने की मांग की गई थी. जिसे भारत सरकार ने खारिज कर दिया और कहा कि गृह मंत्रालय से सुरक्षा मंजूरी मिलने तक केवल भारतीय नागरिक के द्वारा ही अर्थ स्टेशनों को ऑपरेट किया जा सकेगा.
साथ ही सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि, ट्रायल के दौरान कंपनी जो भी डेटा इकट्ठा करेगी. उसे भारत में रखना होगा. कंपनी को 15 दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट दूरसंचार विभाग और भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ साझा करना होगा. हालांकि, ट्रायल के दौरान कंपनी आम लोगों को सर्विस नहीं दे पाएगी.
