ओंकारेश्वर ।मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर में प्रशासन की लचर व्यवस्था के कारण श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। छुट्टियों के चलते शनिवार को तीर्थनगरी में 10 किलोमीटर लंबा जाम लग गया, जिसमें हजारों वाहन घंटों तक फंसे रहे। इस दौरान भीड़भाड़ और घबराहट के चलते एक युवा श्रद्धालु की दुखद मौत हो गई।
भीड़ और जाम के बीच हार्ट अटैक से मौत
गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र, जूनागढ़ सोमनाथ से आए केतन चौहान (35) नामक युवा श्रद्धालु की मौत की वजह हार्ट अटैक बताई गई है।
घटनाक्रम: केतन चौहान शनिवार दोपहर को परिवार सहित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग दर्शन कर ममलेश्वर दर्शन के लिए पहुंचे थे। मंदिर में भीड़ देखकर उन्होंने शिखर दर्शन किए और अपने वाहन की ओर लौटने लगे।
अव्यवस्था बनी जानलेवा: इसी दौरान उन्हें घबराहट महसूस होने लगी। परिवार वाले उन्हें तुरंत ऑटो रिक्शा से सिविल हॉस्पिटल ओंकारेश्वर लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर रवि वर्मा ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के मुताबिक, युवक रास्ते में ही दम तोड़ चुका था।
परिजनों ने पोस्टमार्टम करने से इनकार कर दिया और शव को गुजरात ले जाने की बात कही।
प्रशासन की लापरवाही उजागर
शनिवार को ओंकारेश्वर में 10 हजार से अधिक निजी वाहनों से एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे थे। 10 किलोमीटर लंबे जाम का मुख्य कारण टू-लेन सड़क का निर्माणाधीन होना और कोई वैकल्पिक मार्ग न होना है।
पार्किंग शुल्क पर सवाल: तीर्थनगरी में बड़े पार्किंग स्थल तक नहीं हैं, जबकि यहां आने वाले प्रत्येक वाहन से प्रवेश द्वार पर ही नाकाबंदी करके पार्किंग शुल्क वसूला जाता है, जिसका ठेका करोड़ों रुपए में जाता है।
सिंहस्थ की चिंता: श्रद्धालुओं ने रोष व्यक्त किया कि सिंहस्थ (कुंभ) को देखते हुए भी प्रशासन की ओर से व्यवस्थाओं में कोई ठोस सुधार नहीं किया जा रहा है, जिससे भविष्य में बड़े हादसे का खतरा बना हुआ है।
