नई दिल्ली । बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राजनीतिक परिवारों की दावेदारी इस बार भी हाईप्रोफाइल बनी हुई है। आठ पूर्व मुख्यमंत्रियों के दस रिश्तेदार विभिन्न जिलों की दस सीटों पर चुनावी मैदान में हैं। इसके चलते मधुबनी, वैशाली, जमुई, गया, सारण, बेगूसराय, पश्चिम चंपारण और समस्तीपुर में चुनावी लड़ाई और तेज हो गई है।
इनमें दो महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं, जो पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय की पोती डॉ. करिश्मा राय और जननायक कर्पूरी ठाकुर की पोती डॉ. जागृति ठाकुर इस चुनाव में शामिल हैं। डॉ. करिश्मा राय राजद के टिकट पर सारण की परसा और समस्तीपुर की मोरवा सीट से चुनाव लड़ रही हैं। डॉ. जागृति ठाकुर भी जन सुराज की उम्मीदवार हैं। राजनीतिक परिवार से जुड़ी इन महिलाओं की पृष्ठभूमि भी चुनाव में चर्चा का विषय बनी हुई है।
डॉ. करिश्मा राय, तेजप्रताप यादव की पत्नी ऐश्वर्या राय की चचेरी बहन हैं, जबकि डॉ. जागृति केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर की भतीजी हैं। इसके अलावा, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के तीन रिश्तेदार भी चुनावी रेस में हैं। इनके नाम हैं समधन ज्योति गुप्ता (बाराचट्टी, गया), बहू दीपा मांझी (इमामगंज, गया) और दामाद प्रफुल्ल मांझी (सिकंदरा, जमुई)। सभी हम पार्टी के उम्मीदवार हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह के पुत्र सुशील कुमार बेगूसराय की चेरिया बरियारपुर सीट से राजद के उम्मीदवार हैं। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री केदार पांडेय के पोते शाश्वत केदार नरकटियागंज से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। शाश्वत पहली बार विधानसभा चुनाव में खड़े हैं, हालांकि उन्होंने पिछली बार वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। उनके पिता मनोज पांडेय बेतिया से सांसद रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्रा के पुत्र नीतीश मिश्रा झंझारपुर सीट से भाजपा के उम्मीदवार हैं। झंझारपुर का निर्वाचन क्षेत्र बिहार में हमेशा से राजनीतिक महत्व रखता रहा है, और इसे मिश्रा परिवार का गढ़ माना जाता है। नीतीश मिश्रा इस सीट से अब तक तीन बार निर्वाचित हो चुके हैं।
वैशाली जिले की दो सीटों महुआ और राघोपुर पर चुनावी निगाहें सबसे ज्यादा हैं। पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के दोनों पुत्र अलग-अलग दलों से चुनाव लड़ रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव राघोपुर से राजद के उम्मीदवार हैं, जबकि उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव महुआ सीट से जनशक्ति जनता दल के उम्मीदवार हैं। इस स्थिति ने वैशाली की राजनीतिक लड़ाई को पूरे देश के लिए हाईप्रोफाइल बना दिया है।
इस बार की विधानसभा रेस में राजनीतिक परिवारों की सक्रियता और वारिसों की दावेदारी ने बिहार की चुनावी तस्वीर को और रोचक और प्रतिस्पर्धात्मक बना दिया है। सात दशक पुरानी राजनीतिक विरासत और नई पीढ़ी के हस्तक्षेप ने इस चुनाव को हर वर्ग के लिए दिलचस्प बना दिया है।
