नई दिल्ली। ब्रिटेन के महाराज किंग चार्ल्स ने अपने छोटे भाई प्रिंस एंड्रयू पर बड़ा ऐक्शन लेते हुए उन्हें ‘प्रिंस’ की उपाधि वापस ले ली है और विंडसर पैलेस से बाहर जाने का आदेश भी दिया है। यह कठोर कदम एंड्रयू और यौन शोषण के मामलों में दोषी पाए गए जेफरी एपस्टीन के संबंधों को लेकर उठाया गया। बकिंघम पैलेस ने बताया कि एंड्रयू के कारण हाल ही में उन्हें एक सार्वजनिक कार्यक्रम में विरोध का सामना भी करना पड़ा था।
65 वर्षीय प्रिंस एंड्रयू लंबे समय से विवादों में रहे हैं। वर्जीनिया गुइफ्रे की किताब ‘नोबडीज गर्ल’ में उनके खिलाफ आरोप लगाए गए कि उन्होंने गुइफ्रे का 17 साल की उम्र में यौन शोषण किया। गुइफ्रे ने साल की शुरुआत में आत्महत्या कर ली थी। गुइफ्रे का आरोप था कि एंड्रयू और उनकी पत्नी सारा बाल लगातार जेफरी एपस्टीन के संपर्क में थे। हालांकि, एंड्रयू ने इन आरोपों का हमेशा खंडन किया।
किंग चार्ल्स ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए अपने भाई को सभी शाही उपाधियां त्यागने का आदेश दिया। यह ब्रिटिश शाही परिवार में किसी सदस्य के खिलाफ उठाया गया इतना कठोर कदम पहली बार नहीं है, लेकिन प्रिंस एंड्रयू के मामले में इसे ऐतिहासिक माना जा रहा है।
एंड्रयू का करियर शुरू में बेहद प्रतिष्ठित रहा। वह ब्रिटेन की नौसेना में एक तेज़ तर्रार अधिकारी थे और 1980 के दशक में अर्जेंटीना के खिलाफ फॉकलैंड युद्ध में उनके योगदान की काफी सराहना हुई। लेकिन बाद में विवादों की झड़ी ने उनके सार्वजनिक जीवन पर गहरा असर डाला।
2011 में प्रिंस एंड्रयू को ब्रिटेन के व्यापार राजदूत के पद से हटा दिया गया। इसके बाद 2019 में उन्हें शाही संरक्षण भी छीन लिया गया। 2022 में यौन शोषण के आरोपों के बीच ब्रिटिश शाही परिवार ने उनके खिलाफ और कड़ा कदम उठाया। अब किंग चार्ल्स के आदेश के बाद प्रिंस एंड्रयू न केवल शाही उपाधियों से वंचित हो गए हैं, बल्कि विंडसर पैलेस में उनका निवास भी समाप्त कर दिया गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम ब्रिटिश शाही परिवार की प्रतिष्ठा को सुरक्षित रखने और विवादित मामलों में तत्काल निर्णय लेने की नीति का हिस्सा है। प्रिंस एंड्रयू का शाही जीवन वर्षों से विवादों में रहा, लेकिन अब उन्हें पूरी तरह से सार्वजनिक शाही जिम्मेदारियों से हटा दिया गया है।
मीडिया और जनता में इस घटना ने व्यापक चर्चा पैदा कर दी है। कई लोग इसे ब्रिटिश शाही परिवार की पारदर्शिता और जिम्मेदारी की दिशा में सकारात्मक कदम मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे परिवार के भीतर व्यक्तिगत विवाद के रूप में देख रहे हैं।
प्रिंस एंड्रयू के जीवन का यह मोड़ दर्शाता है कि शाही परिवार में प्रतिष्ठा और सार्वजनिक विश्वास अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। विवाद चाहे कितने भी पुराने क्यों न हों, परिवार के वरिष्ठ सदस्य और शासनकर्ता की सख्ती भविष्य में शाही परिवार के अन्य सदस्यों के लिए भी एक संदेश है कि अपराध और विवादों को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।
