भोपाल प्रदेश में श्रीराम का उद्घोष करने वाली सनातन धर्म की ध्वजा लहराए डॉ मोहन यादव की सरकार के नाक के नीचे राजधानी भोपाल में 120 साल पुराने शिव मंदिर को रेलवे अधिकारियों और ठेकेदार कंपनी ने बिना लिखित आदेश के ध्वस्त किये एक सप्ताह बीतने को है किन्तु अब तक दोषिओं पर अपराध दर्ज नहीं किया है जिससे इस घटना के बाद इलाके में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है, यह मामला सोशलमीडिया पर छाया हुआ है।
वरिष्ठ पत्रकार एवं हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी के प्रदेश व्यूरो डॉ मयंक चतुर्वेदी ने अपनी फेसबुक एकाउंट में जानकारी के अनुसार लिखा है कि , रेलवे ने समदड़िया ग्रुप को लांड्री निर्माण का ठेका दिया था। रेलवे, GRP, पुलिस और ठेकेदार कंपनी के अधिकारी मौके पर पहुंचे और मौखिक आदेश पर मंदिर को ढहा दिया। ठेकेदार कंपनी ने भी स्वीकार किया कि उनके पास कोई लिखित आदेश नहीं था।
मंदिर के महंत रामभूषण दास ने आरोप लगाया कि आगे बनी मजारों को नहीं तोड़ा गया। उनका कहना है कि मंदिर की जमीन के कागजात और पुराने नक्शे मौजूद हैं, लेकिन रेलवे ने मनमानी की। घटना की सूचना मिलते ही एक दर्जन से अधिक हिंदू संगठन मौके पर पहुंचे और संयुक्त रूप से मंदिर निर्माण शुरू करने की मांग की है।
उन्होंने दो टूक कहा कि तत्काल मंदिर का निर्माण शुरू होना चाहिए। उधर, इस तरह से गलत तरीके से मंदिर तोड़े जाने पर जिम्मेदार अधिकारियों और लोगों के खिलाफ एफ आई आर किए जाने की माँग की जा रही है, किंतु अभी तक जानकारी में आया है कि कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है ।
