नई दिल्ली । भारतीय महिला क्रिकेट ने 2 नवंबर को नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। साउथ अफ्रीका को हराकर भारत ने वर्ल्ड कप खिताब अपने नाम किया और महिला क्रिकेट के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में नाम दर्ज करा दिया।
यह जीत केवल ट्रॉफी जीतने तक सीमित नहीं रही, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट के स्वर्णिम अतीत और उज्जवल भविष्य को जोड़ने वाला एक भावनात्मक क्षण भी साबित हुई।
भावुक समर्पण: वर्तमान ने अतीत को किया याद
ट्रॉफी हासिल करने के बाद कप्तान हरमनप्रीत कौर और पूरी टीम ने अपने जश्न में उन महान पूर्व खिलाड़ियों को याद किया, जिन्होंने वर्षों तक इस सपने को जिया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में टीम अंजुम चोपड़ा, मिताली राज और झूलन गोस्वामी को ट्रॉफी समर्पित करती दिखाई दी।
हरमनप्रीत ने भावुक होकर कहा, दीदी, यह आपके लिए था!सबसे मार्मिक पल तब आया जब हरमनप्रीत और स्मृति मंधाना ने झूलन गोस्वामी को गले लगाते हुए कहा, पिछली बार (2017) हम आपके लिए वर्ल्ड कप नहीं जीत पाए, इसके लिए हम माफी मांगती हैं।पूर्व और वर्तमान खिलाड़ी इस भावनात्मक क्षण को देखकर काफी इमोशनल नजर आए।
शेफाली वर्मा और दीप्ति शर्मा
भारतीय टीम की ऐतिहासिक जीत में कई खिलाड़ियों का योगदान रहा, लेकिन फाइनल में शेफाली वर्मा और दीप्ति शर्मा ने ऑलराउंड प्रदर्शन कर विरोधी टीम को वापसी का कोई मौका नहीं दिया।
शेफाली वर्मा
बल्ले से: 70 रनों की तूफानी पारी खेली और टीम को मजबूत शुरुआत दिलाई।
गेंद से: दो अहम विकेट लेकर साउथ अफ्रीका के मध्यक्रम को दबाव में रखा।
दीप्ति शर्मा:बल्ले से: अर्धशतक जड़ा, जिससे टीम सम्मानजनक स्कोर तक पहुँची।
गेंद से: शानदार गेंदबाजी करते हुए विपक्षी टीम के पांच विकेट चटकाए।
पूर्व तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने कहा:शेफाली वर्मा के 70 रन और दो बड़े विकेट, दीप्ति शर्मा का अर्धशतक और पांच विकेट दोनों का कमाल। ट्रॉफी अब हमारे पास है।
पूर्व दिग्गजों का संदेश और टीम की जीत का महत्व
मिताली राज:मैंने दो दशकों से ज्यादा समय से सपना देखा था कि भारतीय महिलाओं को वर्ल्ड कप ट्रॉफी उठाते हुए देखूं। आज वो सपना साकार हो गया। आपने केवल ट्रॉफी नहीं जीती, बल्कि हर भारतीय महिला क्रिकेट प्रेमी के दिल को जीत लिया।
अंजुम चोपड़ा:लड़कियों ने हमारे सपनों को साकार किया है और हम महिला क्रिकेट के नए युग की आशा कर रहे हैं।
कप्तान हरमनप्रीत कौर की कुशल कप्तानी, टीम की फील्डिंग और हर खिलाड़ी का योगदान इस ऐतिहासिक जीत को सुनिश्चित करने में निर्णायक रहा।
यह वर्ल्ड कप जीत केवल एक ट्रॉफी नहीं है। यह भारतीय महिला क्रिकेट की मेहनत, संघर्ष और सपनों की परिणति है। वर्तमान टीम ने न केवल खेल के मैदान पर बल्कि भावनात्मक रूप से भी पूर्व खिलाड़ियों का सम्मान किया और इतिहास रच दिया।
