नई दिल्ली । बिहार में पहले चरण के चुनाव प्रचार ने जोर पकड़ लिया है। रविवार को राजद (RJD) नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव महुआ विधानसभा सीट पहुंचे, जहां उन्होंने स्थानीय जनता से मिलकर समर्थन मांगा। तेजस्वी के आगमन ने इलाके में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी और उनके स्वागत के लिए बड़ी संख्या में लोग जमा हुए।
महुआ सीट तेज प्रताप यादव का गढ़ माना जाता है। तेजस्वी यादव की रैली के बाद तेज प्रताप यादव ने अपने छोटे भाई पर निशाना साधते हुए उन्हें “छोटा और नादान भाई” करार दिया। तेज प्रताप ने जनता से अपील की कि उन्हें जीताकर महुआ को विकास की राह पर आगे बढ़ाने में सहयोग करें।
तेज प्रताप यादव ने अपने बयान में कहा, “हमारे छोटे और नादान भाई तेजस्वी ने आज महुआ में कहा कि पार्टी से बड़ा कोई नेता नहीं होता। लेकिन हम उन्हें यह कहना चाहेंगे कि पार्टी से बड़ी हमारी जनता मालिक होती है। लोकतंत्र में सबसे बड़ी केवल जनता होती है, कोई पार्टी या परिवार नहीं। महुआ मेरी राजनैतिक कर्मभूमि है और मेरे लिए पार्टी और परिवार से कहीं बढ़कर है। पार्टी केवल एक व्यवस्था है, लेकिन जनता हमारी सच्ची मालिक है।”
उन्होंने जनता से विशेष अपील करते हुए कहा, “महुआ की आदरणीय जनता, मुझे पूरी उम्मीद है कि आप हमें महुआ से भारी मतों से जीताकर सदन भेजेंगे और महुआ को विकास की राह पर आगे बढ़ाने में सहयोग करेंगे। विजयी महुआ, विकसित महुआ।” तेज प्रताप की इस अपील ने उनके समर्थकों में उत्साह और जोश भर दिया।
सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक, तेज प्रताप और तेजस्वी के बीच यह संदेश स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है कि महुआ विधानसभा में दोनों भाईयों के समर्थक अलग-अलग धड़ों में बंट चुके हैं। तेजस्वी यादव ने महुआ में अपने भाषण में जोर देकर कहा कि पार्टी से बड़ा कोई नहीं होता। उन्होंने कहा, “यहां लालटेन जलेगी तो सरकार बनेगी।” महुआ का टिकट राजद प्रमुख लालू यादव ने तेजस्वी के लिए तय किया है, और उन्होंने यह संदेश दिया कि पार्टी की प्राथमिकता ही विकास और नेतृत्व की सबसे बड़ी गारंटी है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि महुआ में इस भाई-भाई टकराव ने चुनावी मैदान को और रोचक बना दिया है। तेज प्रताप यादव के स्थानीय समर्थन और तेजस्वी यादव के पार्टी नेतृत्व वाली अपील के बीच मतदाताओं के बीच रोमांच और उलझन दोनों बढ़ गई है।
इस विकास ने साफ कर दिया है कि बिहार चुनाव में व्यक्तिगत और पारिवारिक राजनीति का मिश्रण कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव की इस टकरावपूर्ण स्थिति ने महुआ विधानसभा को राज्य में सबसे ज्यादा चर्चा वाली सीटों में शामिल कर दिया है।
बिहार के पहले चरण के चुनाव प्रचार के इस दौर में महुआ सीट पर चल रही इस राजनीतिक जंग ने यह संदेश दिया है कि यहां जनता का निर्णय ही अंतिम निर्णायक होगा। चाहे वह परिवार का समर्थन हो या पार्टी का प्रभाव, महुआ की जनता ही तय करेगी कि कौन होगा उनका प्रतिनिधि और कौन शहर को विकास की राह पर आगे ले जाएगा।
