नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेत्री यामी गौतम, जो ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’, ‘ए थर्सडे’ और हाल ही में ‘आर्टिकल 370’ जैसी फिल्मों में अपने गंभीर और दमदार किरदारों से दर्शकों को गहराई से प्रभावित कर चुकी हैं, ने अब एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि प्रमुख फिल्म पुरस्कारों में लगातार नामांकन मिलने के बावजूद जीत न मिलने से उन्हें कोई मलाल नहीं है, क्योंकि उन्होंने बाहरी मान्यता (External Validation) की चाह छोड़ दी है।
यामी का कहना है कि उन्होंने अब अवॉर्ड्स की दौड़ में शामिल होना बंद कर दिया है और अपने काम से मिलने वाली संतुष्टि को ही असली सफलता मानती हैं।
भगवद् गीता से मिली सीख: ‘फल की चिंता नहीं’
अपनी आगामी फिल्म ‘हक’ के प्रमोशन के दौरान द हॉलीवुड रिपोर्टर इंडिया से बातचीत में, यामी गौतम ने अपनी इस बदली हुई सोच के पीछे का कारण बताया।
यामी ने कहा कि उन्हें यह सीख भगवद् गीता से मिली है। उन्होंने भगवान कृष्ण का उदाहरण देते हुए कहा कि व्यक्ति को अपने कर्म पर ध्यान देना चाहिए, फल पर नहीं।
उन्होंने कहा, अवॉर्ड्स की दौड़ में उलझने से कलाकार की सच्ची खुशी और शांति छिन जाती है।” उन्होंने इस धारणा को गलत बताया कि अगर अवॉर्ड मिले तो मैं अच्छी एक्ट्रेस हूं और न मिले तो नहीं, ऐसा नहीं है।
संतुष्टि ही आत्मविश्वास: यामी के अनुसार, जब आप दूसरों की मान्यता के पीछे भागना छोड़ देते हैं, तभी असली आत्मविश्वास आता है।
दर्शकों का प्यार ही सबसे बड़ा पुरस्कार
‘विक्की डोनर’ (2012) से बॉलीवुड में कदम रखने वाली यामी ने स्वीकार किया कि उन्हें ‘बाला’, ‘ए थर्सडे’ और ‘आर्टिकल 370’ जैसी फिल्मों के लिए कई बड़े अवॉर्ड्स में नामांकन मिले, लेकिन वह जीत हासिल नहीं कर पाईं।
यामी गौतम का दो टूक जवाब: ऑडियंस आपको उठा ले, तो उससे बड़ा अवॉर्ड कोई नहीं। बाकी सब आना-जाना है। उन्होंने कहा कि अब वह अपनी मान्यता सीधे दर्शकों से लेती हैं, क्योंकि जब लोग आपका काम देखकर भावुक होते हैं, तो वही सच्ची जीत होती है।
‘हक’ में दिखेगा नया रूप: शाह बानो केस से प्रेरित
यामी गौतम अब जल्द ही कानूनी ड्रामा फिल्म ‘हक’ में एक बेहद संवेदनशील भूमिका में नजर आएंगी।
फिल्म का कथानक शाह बानो केस से प्रेरित बताया जा रहा है।
यामी इसमें एक मुस्लिम महिला का किरदार निभा रही हैं, जो तलाक के बाद अपने भरण-पोषण के कानूनी अधिकार के लिए अदालत में संघर्ष करती है।
रिलीज़: यह फिल्म 7 नवंबर को रिलीज़ होने वाली है।
यामी गौतम की यह परिपक्व सोच, जहाँ उन्होंने लोकप्रियता की दौड़ को छोड़कर काम की गुणवत्ता और आत्म-संतुष्टि को प्राथमिकता दी है, बॉलीवुड के अन्य कलाकारों के लिए एक बड़ा संदेश है।
