दुबई। एशिया कप ट्रॉफी को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहा विवाद अब अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की सबसे बड़ी कार्यकारी संस्थाएग्जीक्यूटिव बोर्डतक पहुँच गया है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के अध्यक्ष और ACC चेयरमैन मोहसिन नकवी की अनुपस्थिति में, BCCI (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) ने इस मुद्दे को मजबूती से उठाया है और एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के कामकाज की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
BCCI का सीधा आरोप: राजनीतिक हस्तक्षेप से उल्लंघन हुई ‘खेल भावना’
BCCI ने फाइनल जीतने के एक महीने बाद भी ट्रॉफी न मिलने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। BCCI का रुख स्पष्ट है: नकवी का यह कृत्य ‘व्यक्तिगत अहंकार और राजनीतिक हस्तक्षेप’ का परिणाम है, जिससे खेल की अखंडता और भावना का उल्लंघन हो रहा है।
BCCI ने ICC से ACC के कामकाज में मध्यस्थता करने और अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग की है। उनका तर्क है कि ACC एक स्वतंत्र खेल संस्था के रूप में काम करे, न कि किसी सदस्य देश के राजनीतिक दबाव के तहत। BCCI ने ICC से ACC को तत्काल निर्देश देने की मांग की है कि ट्रॉफी को शीघ्र मुंबई भेजा जाए और किसी BCCI प्रतिनिधि को सौंपा जाए, जिससे यह अनावश्यक विवाद खत्म हो।BCCI ने नकवी के पाकिस्तान के गृह मंत्री और ACC चेयरमैन/PCB अध्यक्ष होने के दोहरे पदों का अप्रत्यक्ष रूप से ज़िक्र किया है, ताकि उनके राजनीतिक हस्तक्षेप को उजागर किया जा सके।
ट्रॉफी विवाद और नकवी की शर्त
यह विवाद तब शुरू हुआ जब भारतीय खिलाड़ियों ने नकवी के भारत विरोधी बयानों के कारण उनके हाथों से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था।नकवी इस बात पर अड़े हैं कि BCCI प्रतिनिधि या खिलाड़ी दुबई स्थित ACC कार्यालय आएं, ताकि वह 10 नवंबर को एक फंक्शन में खुद ट्रॉफी सौंप सकेंइस शर्त को BCCI ने सिरे से खारिज कर दिया है। घरेलू राजनीतिक व्यस्तताओं के चलते नकवी ICC मीटिंग से गैरहाजिर हैं, लेकिन BCCI के सूत्रों का मानना है कि इससे उनके खिलाफ मुद्दा उठाने में कोई रुकावट नहीं आएगी।BCCI अब ICC से अपेक्षा कर रहा है कि वह एक निष्पक्ष वैश्विक निकाय के रूप में हस्तक्षेप करे और यह सुनिश्चित करे कि क्रिकेट की अखंडता बनी रहे।
