बिहार में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं। बयानबाजी का दौर शुरू हो चुका है, और इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बुधवार को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) पर करारा हमला बोला।
पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान चिराग पासवान ने कहा, “हुड़दंग मचाना, गोली-बारूद का इस्तेमाल करना, ये सब आरजेडी की संस्कृति का हिस्सा रहा है। ये वही 90 के दशक वाला ‘जंगलराज’ है जिसकी चर्चा आज भी होती है।”
उन्होंने आगे कहा कि “आरजेडी की सभाओं में देखें, किस तरह अराजकता का माहौल रहता है। ये अभी सत्ता से दूर हैं और ऐसे गानों को प्रमोट कर रहे हैं जो समाज को भड़काते हैं। अगर ये लोग गलती से भी सत्ता में आ गए, तो बिहार में फिर से आतंक का माहौल बन जाएगा।”
चिराग का यह बयान आरजेडी पर सीधा हमला माना जा रहा है और इसे आगामी चुनावों की पृष्ठभूमि में एक रणनीतिक राजनीतिक बयान के रूप में देखा जा रहा है।
राहुल गांधी पर भी साधा निशाना
आरजेडी पर निशाना साधने के बाद चिराग पासवान ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने राहुल गांधी के हालिया बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा —
“अगर देश के नेता प्रतिपक्ष की सोच ऐसी है कि वे हमारी सेना को जात-पात, धर्म और मजहब के आधार पर बांटकर देखना चाहते हैं, तो इससे ज्यादा लोकतंत्र के लिए दुखद बात कुछ नहीं हो सकती।”
चिराग ने आगे कहा, “अगर आपको वाकई देश की चिंता है, तो बताइए कि लंबे समय तक सत्ता में कौन रहा? किसके शासन में ऐसी सोच पनपी?”
उनका यह बयान न केवल राहुल गांधी बल्कि पूरे विपक्ष के लिए एक सीधा संदेश माना जा रहा है कि एलजेपी (रामविलास) की राजनीति विकास और राष्ट्रवाद पर केंद्रित रहेगी, न कि जातिगत विभाजन पर।
“सेना को राजनीति से दूर रखना चाहिए” — चिराग पासवान
राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए चिराग पासवान ने कहा कि सेना को लेकर किसी भी तरह की राजनीतिक बयानबाजी अनुचित है। उन्होंने कहा,
“अगर आपको सेना में जाति के आधार पर विभाजन कराना था, तो पहले ही करवा देते… अब चुनाव के समय ऐसी बातें क्यों याद आ रही हैं? अक्सर चुनावों के दौरान आप ऐसे बयान देते हैं जो समाज में ध्रुवीकरण पैदा करते हैं, लेकिन राजनीति में हमेशा एक मर्यादा रखनी चाहिए।”
चिराग ने आगे कहा कि “सेना एक ऐसा विषय है, जिसे किसी भी सूरत में राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए। जो लोग सेना के बलिदान और पराक्रम को राजनीतिक मुद्दा बनाते हैं, वे देश की भावना को ठेस पहुंचाते हैं।”
राजनीतिक हलकों में बढ़ी हलचल
चिराग पासवान के इन तीखे बयानों के बाद बिहार का राजनीतिक माहौल और गरमा गया है। भाजपा, जदयू और आरजेडी सभी अपने-अपने मोर्चे संभाल रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि चिराग पासवान अपने बयानों के जरिए खुद को बिहार की राजनीति में एक मजबूत और स्वतंत्र शक्ति के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।
वहीं, विपक्षी दलों का कहना है कि यह सब चुनावी रणनीति का हिस्सा है ताकि आरजेडी और कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया जा सके।
