नई दिल्ली । भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के छह महीने बाद पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन, खासकर लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में फिर से आतंकवाद फैलाने की कवायद तेज कर दी है। खुफिया दस्तावेजों के हवाले से NDTV की रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकियों ने सीमा पार से रसद की सप्लाई, ड्रोन टोही और घुसपैठ की घटनाओं में तेजी से बढ़ोत्तरी की है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कथित तौर पर लश्कर और जैश की कई यूनिट्स नियंत्रण रेखा (LoC) को पार कर जम्मू-कश्मीर में दाखिल हो चुकी हैं। उन्हें पाकिस्तान के विशेष सेवा समूह (SSG) और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) से मदद मिल रही है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, लश्कर-ए-तैयबा की एक इकाई ने ड्रोन के जरिए हवाई टोही कर सीमा पर कमजोर जगहों की पहचान की है। इन जगहों पर आने वाले हफ़्तों में संभावित फिदायीन हमले या हथियार गिराने की घटनाएँ हो सकती हैं।
खुफिया आकलनों से यह भी पता चलता है कि पूर्व एसएसजी सैनिक और पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (BAT) को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में फिर से तैनात किया गया है। यह संकेत देता है कि भारतीय ठिकानों पर संभावित सीमा पार हमले की तैयारी की जा रही है। सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की सबसे सुनियोजित रणनीतियों में से एक है, जिसका मकसद जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता फैलाना है।
मई में हुआ था ऑपरेशन सिंदूर
22 अप्रैल को पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था। मई के पहले हफ्ते में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और PoK के अंदर घुसकर कई आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया था। इस अभियान के दौरान दोनों देशों के बीच चार दिनों का सैन्य संघर्ष भी हुआ, जिसमें पाकिस्तान के कई सैन्य बेस, लड़ाकू विमान और ड्रोन भी नष्ट कर दिए गए थे।
खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के छह महीने बाद पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जम्मू-कश्मीर में फिर से भारत विरोधी गतिविधियाँ बढ़ा रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी के अनुसार, आने वाले महीनों में नियंत्रण रेखा पर और भी संभावित घुसपैठ और आतंकवादी हमलों की तैयारी हो सकती है।
