नई दिल्ली/फरीदाबाद। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आतंकवाद के साये ने एक बार फिर भयावह रूप लिया है। जम्मू-कश्मीर के डॉक्टर आदिल अहमद राठर की गिरफ्तारी के बाद फरीदाबाद से 350 किलो विस्फोटक, 2 AK-47 राइफलें और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद हुआ। शुरुआती जांच में यह पता चला है कि इन हथियारों और विस्फोटकों का संबंध कुख्यात आतंकी संगठन अंसार गजवत-उल-हिंद (AGH) से है।सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, यह बरामदगी NCR और घाटी से हाल के वर्षों में हुई सबसे बड़ी कार्रवाई में शामिल है।
कौन हैं डॉक्टर आदिल अहमद राठर?
जन्म और मूल निवासी: अनंतनाग, जम्मू-कश्मीर
पेशा: मेडिसिन विशेषज्ञ, सहारनपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में तैनात
व्यक्तिगत जीवन: हाल ही में सहारनपुर की एक महिला डॉक्टर से विवाह किया है।
श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाने के मामले में नाम जुड़ा, FIR 28 अक्टूबर को दर्ज किया गया है। जहां जांच में सामने आया कि,आदिल राठर ने अपने पेशे की आड़ में आतंकवाद की साजिश रची। उन्होंने फरीदाबाद में एक अलग कमरा किराए पर लिया था, जिसमें विस्फोटक और AK-47 रखे गए थे।
AGH का खौफनाक कनेक्शन
अंसार गजवत-उल-हिंद (AGH) की स्थापना 2017 में ज़ाकिर मूसा ने हिज़बुल मुजाहिदीन से अलग होकर की थी।
संगठन का उद्देश्य
कश्मीर में शरिया कानून लागू करना।
भारत में कट्टरपंथी जिहादी गतिविधियों को फैलाना।
‘गजवा-ए-हिंद’ की अवधारणा को साकार करना।
रणनीति और गतिविधियां
स्थानीय युवाओं और उच्च शिक्षित पेशेवरों को भर्ती करना
सोशल मीडिया के जरिए कट्टरपंथी विचारधारा का प्रचार
सुरक्षा बलों और नागरिकों पर हमलों की जिम्मेदारी लेना
इस बरामदगी ने स्पष्ट किया कि डॉक्टर और पेशेवर भी इस नेटवर्क का हिस्सा बन सकते हैं, जो आतंकवादी गतिविधियों को और संगठित कर सकते हैं।
गिरफ्तारी और जांच
आदिल अहमद राठर – फरीदाबाद
मुजम्मिल शकील – सहारनपुर
तीसरे डॉक्टर की तलाश जारी
जांच में सामने आया कि कुल तीन डॉक्टर इस आतंकी संगठन से जुड़े हैं। NCR और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा एजेंसियों ने हाई अलर्ट जारी किया है। गौरतलब है कि, इस केस की संवेदनशीलता के कारण इसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपा जा सकता है। NIA गहन जांच करेगी कि आदिल राठर और उनके सहयोगी इतने बड़े विस्फोटक भंडार का उपयोग कहाँ और किस उद्देश्य से करने वाले थे।
डॉक्टरों और पेशेवरों की भूमिका
AGH के लिए पेशेवरों का नेटवर्क बढ़ाना रणनीति का हिस्सा है। ये लोग समाज में विश्वसनीयता की आड़ में रहकर विस्फोटक सामग्री छिपा सकते हैं। ऐसे में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे सकते हैं इस संगठन के नेटवर्क को कश्मीर से बाहर फैलाने में मदद कर सकते हैं। फरीदाबाद और NCR से भारी विस्फोटक बरामद होने का मतलब है कि AGH का नेटवर्क अब कश्मीर के बाहर भी सक्रिय है।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चेतावनी
आदिल राठर जैसे पेशेवरों का आतंकवादी नेटवर्क से जुड़ना यह दिखाता है कि AGH अब उच्च शिक्षित पेशेवरों और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से भारत में अपनी उपस्थिति और हमलों की योजना को और व्यवस्थित करने की कोशिश कर रहा है। फिलहाल, एनआइए की जांच पूरी नेटवर्किंग, विस्फोटक भंडार और AGH के संचालन के तरीकों का पता लगाएगी।
