नई दिल्ली। 2 नवंबर को हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने ऐतिहासिक जीत हासिल करते हुए पहली बार महिला वनडे वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया। फाइनल में साउथ अफ्रीका को हराकर भारत ने वर्षों से चले आ रहे ICC ट्रॉफी के सूखे को भी समाप्त कर दिया। इस सफलता ने पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ा दी।
इस जीत के बाद, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने भारतीय महिला टीम के लिए लगभग 40 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि की घोषणा की, वहीं भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने 51 करोड़ रुपये की प्राइज मनी देने की घोषणा की। इसके अलावा, विभिन्न राज्य सरकारों और राजनीतिक पार्टियों ने भी अपनी-अपनी खिलाड़ियों के लिए अलग-अलग पुरस्कार राशि की घोषणा की।
इन खुशखबरों के बीच, क्रिकेट जगत के दिग्गज सुनील गावस्कर ने टीम को एक महत्वपूर्ण सलाह दी है। गावस्कर ने मिड-डे में लिखे अपने कॉलम में कहा कि जो भी वादे या इनाम देने की बात की गई है, यदि वे पूरी नहीं होती हैं तो खिलाड़ी निराश न हों। उनका कहना है कि कई लोग केवल टीम की जीत का फायदा उठाकर अपने प्रचार-प्रसार के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
गावस्कर ने कहा, “यह लड़कियों के लिए केवल एक चेतावनी है। अगर वादा किए गए कुछ इनाम नहीं मिलते हैं, तो निराश मत होइए। विज्ञापनदाता, ब्रांड और लोग जल्दी ही इस रेस में कूद जाते हैं और विजेताओं के माध्यम से अपने प्रचार का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं।” उन्होंने बताया कि कई बार पूरे पेज के विज्ञापन और होर्डिंग्स में केवल अपने ब्रांड या खुद को प्रमोट करने का प्रयास होता है, जबकि खिलाड़ियों को इससे वास्तविक लाभ नहीं मिलता।
अपने निजी अनुभव का हवाला देते हुए गावस्कर ने याद दिलाया कि जब 1983 में भारतीय पुरुष टीम ने पहली बार वनडे वर्ल्ड कप जीता था, तब भी उन्हें कई वादे किए गए थे, लेकिन अधिकांश वादे पूरे नहीं हुए। उन्होंने कहा कि मीडिया को दोष नहीं दिया जा सकता, क्योंकि उस समय टीम की जीत का कवरेज पर्याप्त था, लेकिन कुछ लोग इसका केवल अपने प्रचार के लिए इस्तेमाल कर रहे थे।
सुनील गावस्कर का संदेश स्पष्ट है: खिलाड़ियों को अपनी जीत पर गर्व होना चाहिए और बाहरी वादों या प्रचार से प्रभावित नहीं होना चाहिए। इस सलाह के साथ, भारतीय महिला टीम को न केवल ऐतिहासिक खिताब का जश्न मनाने, बल्कि भविष्य में अपने प्रदर्शन और समर्पण पर ध्यान केंद्रित करने की प्रेरणा भी मिली है।
