भोपाल । नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा तहसील से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। डमरू घाटी और 132 केवी विद्युत सब स्टेशन के पास स्थित निरंजन वार्ड में 24 घंटों के भीतर एक दर्जन से अधिक गायों की मौत हो गई। इस घटना ने न केवल इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी है, बल्कि प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। पशु चिकित्सकों ने प्राथमिक जांच में इन मौतों के पीछे फूड पॉइजनिंग की आशंका जताई है।
घटना से फैला सन्नाटा, ग्रामीणों में आक्रोश
स्थानीय लोगों के अनुसार रविवार की सुबह जब पशुपालक अपने मवेशियों को चराने निकले तो कई गायें बेहोशी की हालत में मिलीं। कुछ देर बाद एक-एक कर कई गायों ने दम तोड़ दिया। यह खबर फैलते ही पूरा क्षेत्र शोक और आक्रोश में डूब गया। गांव के लोग मौके पर इकट्ठा हो गए और प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग करने लगे।
गौ-पालक ममता बाई ने दर्ज कराई रिपोर्ट
डमरू घाटी निवासी गौ-पालक ममता बाई यादव ने इस घटना के बाद गाडरवारा थाने में शिकायत दर्ज कराई। उनका कहना है कि पास ही स्थित पावर हाउस के पास कुछ दिन पहले एक बड़ा सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम के बाद बचा हुआ भोजन आयोजन स्थल के पीछे खुले में फेंक दिया गया था। कई गायें वहीं चरने के दौरान उस भोजन को खा गईं। ममता बाई का दावा है कि उसी भोजन को खाने से लगभग एक दर्जन गायों की मौत हो गई, जिनमें से उनकी दो गायें भी शामिल हैं।
धारा 325 बीएनएस के तहत मामला दर्ज
शिकायत पर गाडरवारा पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 325 (बीएनएस) के तहत अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। थाना प्रभारी विक्रम रजक ने बताया कि शिकायत मिलने के तुरंत बाद पुलिस ने पशु चिकित्सा विभाग को सूचना दी और मृत गायों का पोस्टमार्टम करवाने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद वास्तविक कारणों का पता चलने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गौ-पालक का आरोप – प्रतिष्ठित व्यक्ति को बचाने की कोशिश
ममता बाई ने पुलिस की कार्यवाही पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्होंने पुलिस को आयोजन के आयोजक का नाम बताया था, लेकिन चूंकि आयोजक शहर का प्रतिष्ठित और संपन्न व्यक्ति है, इसलिए पुलिस ने कार्रवाई में जानबूझकर देरी की। शिकायत दर्ज कराने के चार घंटे बाद जाकर मामला अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ दर्ज किया गया। इससे ग्रामीणों में नाराजगी और बढ़ गई है।
पशु चिकित्सकों की टीम ने शुरू की जांच
गाडरवारा पशु चिकित्सा विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर मृत गायों के नमूने लिए और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू की। डॉक्टरों का कहना है कि प्रारंभिक जांच में फूड पॉइजनिंग की संभावना अधिक है, लेकिन सटीक कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा। टीम ने ग्रामीणों को चेतावनी दी है कि वे आसपास फेंका गया कोई भी खराब या सड़ा-गला भोजन पशुओं को न खाने दें।
ग्रामीणों ने की सख्त कार्रवाई की मांग
इस घटना ने पूरे गाडरवारा क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। गौ-सेवक संगठनों और ग्रामीणों ने एक स्वर में दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते आयोजन के बाद बचे भोजन को सही तरीके से नष्ट किया जाता, तो यह घटना टाली जा सकती थी। ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि भविष्य में ऐसे आयोजनों के बाद खाद्य अपशिष्ट के प्रबंधन पर सख्त नियम बनाए जाएं।
प्रशासन ने दिलाया आश्वासन
गाडरवारा प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि मामले की जांच तेजी से की जा रही है। जैसे ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट आती है, दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने साथ ही चेतावनी दी है कि जो भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों पर बचा भोजन या कचरा फेंकेगा, उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
गांव में पसरा मातम
इस दुखद घटना के बाद गाडरवारा और आसपास के गांवों में मातम का माहौल है। लोग गौ-पालक ममता बाई और अन्य प्रभावित परिवारों के घर पहुंचकर संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह केवल गायों की नहीं, बल्कि पूरे समाज की हानि है, क्योंकि गौ माता को गांव की आस्था और सम्मान का प्रतीक माना जाता है।
