नई दिल्ली बांग्लादेश की राजधानी ढाका इन दिनों एक बार फिर राजनीतिक तूफान के केंद्र में है हालात इतने तनावपूर्ण हो चुके हैं कि सड़कों पर हर ओर सुरक्षाबलों की तैनाती और दहशत का माहौल है वजह है—पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके सहयोगियों के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ICT में आने वाला अहम फैसला जिसने पूरे देश की धड़कनें तेज कर दी हैं
राजधानी में हिंसा की आग
पिछले दो दिनों से ढाका की सड़कों पर आग और धमाकों का सिलसिला जारी है शहर के कई इलाकों में क्रूड बम विस्फोट और आगजनी की घटनाएं दर्ज की गई हैं भीड़ ने कई जगह सरकारी इमारतों और वाहनों को निशाना बनाया है ये घटनाएं 2024 के छात्र आंदोलन की यादें ताजा कर रही हैं जब देश भर में विरोध प्रदर्शनों के दौरान 500 से अधिक लोगों की जान चली गई थी
ढाका बना सुरक्षा कवच
बढ़ते तनाव को देखते हुए सरकार ने राजधानी को अभेद सुरक्षा कवच में ढक दिया है पुलिस रैपिड एक्शन बटालियन RAB और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश BGB के जवान सड़कों पर गश्त कर रहे हैं ढाका के हर प्रवेश द्वार पर चेकपोस्ट बनाए गए हैं और आने-जाने वाले वाहनों की सख्ती से तलाशी ली जा रही है
ICT परिसर के आसपास तो माहौल किसी हाई अलर्ट जोन जैसा है चारों ओर बैरिकेड स्नाइपर तैनात और सुरक्षा कर्मी चौबीसों घंटे निगरानी में हैं
फैसले से पहले बढ़ी सियासी बेचैनी
जानकारी के मुताबिक अदालत जल्द ही शेख हसीना और उनके शीर्ष सहयोगियों पर दर्ज गंभीर आरोपों हत्या साजिश और भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों पर फैसला सुनाने वाली है गौरतलब है कि शेख हसीना पिछले साल अगस्त में भारत में शरण ले चुकी हैं और तब से वे राजनीतिक रूप से निष्क्रिय हैं लेकिन उनके समर्थकों और विरोधियों के बीच तनाव अब चरम पर पहुँच चुका है
हिंसा का फैलता दायरा
ढाका में शुरू हुई हिंसा अब गाजीपुर और ब्राह्मणबारिया जैसे इलाकों तक फैल चुकी है जगह-जगह टायर जलाने सरकारी इमारतों पर पथराव और धमाकों की खबरें मिल रही हैं ब्राह्मणबारिया में एक बड़ा हादसा भी हुआ जहां ग्रामीण बैंक की शाखा में भीषण आग लग गई इसमें बैंक का फर्नीचर और अहम दस्तावेज पूरी तरह जलकर राख हो गए यह वही बैंक है जिसकी स्थापना 1983 में नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने गरीबों को माइक्रो क्रेडिट सुविधा देने के लिए की थी
संयोग से यूनुस अब बांग्लादेश के अंतरिम प्रमुख हैं और यह घटना उनके लिए भी एक बड़ा झटका मानी जा रही है
सत्तारूढ़ दल पर उठे सवाल
सरकारी सूत्रों का कहना है कि इन हिंसक घटनाओं के पीछे अवामी लीग के उग्र समर्थक गुटों का हाथ है विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह अदालत के फैसले से पहले देश में डर और दमन का माहौल बना रही है
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह हिंसा इसी तरह बढ़ती रही तो बांग्लादेश आपातकाल जैसी स्थिति की ओर बढ़ सकता है
नागरिकों में दहशत
ढाका का जनजीवन लगभग ठप हो चुका है बाजार बंद हैं स्कूलों में छुट्टियाँ घोषित की जा चुकी हैं और लोग घरों में कैद होकर हालात सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं शहर के व्यापारियों का कहना है कि डर के माहौल में आर्थिक गतिविधियाँ पूरी तरह रुक गई हैं जबकि परिवहन सेवाएँ भी सीमित हो गई हैं
आने वाले दिन निर्णायक
विशेषज्ञों के अनुसार अदालत का फैसला बांग्लादेश के राजनीतिक भविष्य की दिशा तय करेगा यदि फैसला हसीना के खिलाफ जाता है तो हिंसा और भड़क सकती है वहीं उनके पक्ष में आने पर भी विरोधी दलों का गुस्सा फूट सकता है फिलहाल ढाका की हवा में अनिश्चितता और तनाव घुल चुका है
