नई दिल्ली। अजय देवगन और रकुल प्रीत सिंह की बहुप्रतीक्षित फिल्म दे दे प्यार दे 2 आखिरकार छह साल के इंतजार के बाद बड़े पर्दे पर आई है लेकिन इसका सफर उतना सुगम नहीं दिख रहा जितना पहले भाग ने तय किया था। 2019 में रिलीज हुई दे दे प्यार दे ने अपने विषय गानों ह्यूमर और तब्बू की दमदार मौजूदगी के साथ दर्शकों का दिल जीत लिया था और 100 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई कर फ्रेंचाइजी की मजबूत नींव रखी थी। इसी वजह से सीक्वल से बड़े स्तर की उम्मीदें थीं लेकिन अब तक मिले संकेत बताते हैं कि यह फिल्म उत्साह चर्चा और बॉक्स ऑफिस प्रदर्शन तीनों में पिछड़ती नजर आ रही है।
कहानी वहीं से शुरू होती है जहां पहला भाग खत्म हुआ था। अजय अपने परिवार को रकुल के साथ रिश्ते के लिए मना चुके हैं और अब कहानी का केंद्र रकुल के परिवार को इस शादी के लिए मनाना है। इस बार निर्देशन अंशुल शर्मा के हाथ में है और नए कलाकारों में आर माधवन गौतमी कपूर मीजान जाफरी की एंट्री कहानी में नई परतें जोड़ती है। जावेद जाफरी अपनी पुरानी भूमिका दोहराते हैं जिससे फिल्म में कुछ परिचित कॉमिक टच भी देखने को मिलता है।
हालांकि नई कोशिशों के बावजूद कहानी कई जगह ठहर जाती है और सीक्वल पहले भाग की भावनात्मक गहराई और पकड़ को दोहराने में संघर्ष करता नजर आता है। ओपनिंग में उम्मीदें अधूरी रहीं। पहले भाग की लोकप्रियता और लंबे इंतजार का फायदा फिल्म को मिलने की उम्मीद थी लेकिन प्रमोशन की कमी और हल्की चर्चा के चलते फिल्म ने सिर्फ 8.5 करोड़ रुपये की ओपनिंग ही दर्ज कर पाई। यह आंकड़ा पहले भाग के 9.11 करोड़ के मुकाबले कम है।
एडवांस बुकिंग के आंकड़े भी मिश्रित रहे। कुछ एजेंसियों ने 75 प्रतिशत की बढ़त बताई और कुल टिकट बिक्री 2.40 करोड़ रुपये के करीब पहुंची तो दूसरी रिपोर्ट में इसे केवल 19 लाख रुपये के करीब बताया गया। दर्शकों में उत्सुकता थी लेकिन इसका दायरा सीमित रहा खासकर छोटे शहरों और सिंगल स्क्रीन हॉल में। अब तक फिल्म को लेकर पब्लिक और क्रिटिक्स की प्रतिक्रियाएँ मिश्रित रही हैं।
अजय देवगन के सहज अंदाज उनकी उम्र को लेकर बनाए गए ह्यूमर और स्क्रीन प्रेजेंस ने फिल्म को स्ट्रॉन्ग बनाए रखा है। रकुल प्रीत सिंह ऊर्जा और आकर्षण लाती हैं लेकिन स्क्रिप्ट उन्हें पर्याप्त भावनात्मक जगह नहीं देती। आर माधवन का जुड़ना कहानी में वजन जोड़ता है लेकिन उनकी भूमिका पूरी तरह चमक नहीं पाई।
सबसे बड़ी चुनौती लिखावट की रही है। जहां पहला भाग ह्यूमर भावना और रिश्तों की जटिलता का संतुलन खूबसूरती से बनाता था वहीं सीक्वल कई जगह हल्का या भावनात्मक रूप से कमजोर दिखता है। कॉमेडी के कुछ दृश्य काम करते हैं लेकिन कहानी कई मोड़ों पर सपाट लगती है। फिल्म फिलहाल औसत शुरुआत की श्रेणी में है और आने वाले दिनों में इसका प्रदर्शन दर्शकों की वर्ड-ऑफ-माउथ प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा। सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ विभाजित हैं।
एक तरह से कहें तो दे दे प्यार दे 2 स्टार पावर हल्की-फुल्की कॉमेडी और मजेदार संवादों के दम पर मनोरंजन देती है लेकिन सीक्वल के तौर पर पहले भाग की बराबरी नहीं कर पाती। अजय देवगन का मजबूत अभिनय और नैचुरल कॉमिक टाइमिंग फिल्म को संभाले रखती है लेकिन स्क्रिप्ट की कमजोरी और प्रमोशन की कमी इसके प्रदर्शन को सीमित कर रही है। फिलहाल यह न तो फ्लॉप है न ब्लॉकबस्टर।
