नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। एनडीए ने प्रचंड जीत हासिल कर सत्ता में वापसी की है लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर उठ रहे सवालों ने स्थिति को और पेचीदा बना दिया है। अब सभी की नजरें पार्टी नेतृत्व पर टिकी हुई हैं कि आखिर बिहार के अगले मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा।
नीतीश कुमार जिन्होंने अब तक नौ बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है, बिहार की राजनीति में लंबे समय से स्थायी हस्ती रहे हैं। इस बार चुनावी परिणामों के बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि मुख्यमंत्री पद कोई और भी संभाल सकता है। इस बीच जदयू नेता श्याम रजक ने मुख्यमंत्री पद को लेकर अहम बयान दिया जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी।श्याम रजक ने कहा कि पूरा एनडीए एकजुट है और पांडव एकजुट हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि एनडीए ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ा है और वही मुख्यमंत्री बने रहेंगे। रजक के इस बयान ने मुख्यमंत्री पद को लेकर उठ रही अनिश्चितताओं के बीच स्थिति को स्पष्ट कर दिया और संकेत दिया कि नीतीश कुमार की स्थिरता पार्टी के लिए अहम है।
हालांकि इससे पहले भा.ज.पा. के महासचिव विनोद तावड़े ने एनडीए की जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इसका निर्णय पांचों गठबंधन पार्टियां मिलकर करेंगी। उनके इस बयान ने मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस पैदा कर दिया और राजनीतिक माहौल में अनिश्चितता का असर दिखा। तावड़े ने यह भी कहा कि एनडीए ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ा है जिससे साफ संकेत मिलता है कि गठबंधन के अंदर भी इस मुद्दे पर विचार चल रहा है।
निर्णय चाहे जो भी हो लेकिन एनडीए की जीत ने यह साबित कर दिया कि जनता ने पार्टी के प्रति भरोसा जताया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीत के बाद राज्यवासियों का आभार व्यक्त किया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि राज्यवासियों ने भारी बहुमत से हमारी सरकार के प्रति विश्वास जताया है। उन्होंने सभी मतदाताओं को नमन करते हुए हृदय से धन्यवाद कहा।
नीतीश कुमार की इस जीत ने यह संकेत भी दिया कि उनकी राजनीतिक पकड़ अब भी मजबूत है और बिहार की राजनीति में उनका प्रभाव बरकरार है। एनडीए की प्रचंड जीत और नीतीश के नेतृत्व को देखते हुए यह साफ है कि पार्टी की रणनीति और गठबंधन की मजबूती ने चुनावी सफलता सुनिश्चित की। साथ ही जनता ने जिस भरोसे के साथ उन्हें समर्थन दिया है वह आगे आने वाले राजनीतिक फैसलों में भी निर्णायक साबित होगा।
राजनीतिक विश्लेषक यह मानते हैं कि नीतीश कुमार की स्थिरता और गठबंधन के भीतर एकजुटता बिहार में आगामी शासनकाल को सुचारू रूप से चलाने में अहम भूमिका निभाएगी। आगामी समय में मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस समाप्त होता दिख रहा है और नीतीश कुमार की नीतियों के तहत राज्य का विकास और सामाजिक सुधार योजनाओं को गति मिलेगी। एनडीए की जीत और नीतीश का नेतृत्व भविष्य में बिहार की राजनीति को नई दिशा देगा।
