नई दिल्ली। महाराष्ट्र में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रभारी रमेश चेन्निथला की मौजूदगी में शनिवार, 15 नवंबर को मुंबई कांग्रेस ने एक महत्वपूर्ण चुनावी शिविर आयोजित किया। इस बैठक में आगामी मुंबई महापालिका (बीएमसी) चुनाव को लेकर पार्टी की रणनीति और चुनावी तैयारियों पर अहम फैसले लिए गए।
बीजेपी और अन्य स्थानीय दलों के बढ़ते दबाव के बीच कांग्रेस अब मुंबई में अपने दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद, मुंबई कांग्रेस ने स्थानीय मुद्दों पर फोकस कर आत्मनिर्भर रणनीति अपनाने का निर्णय लिया है।
काफी समय से पार्टी के कार्यकर्ता और स्थानीय पदाधिकारी यह मांग कर रहे थे कि कांग्रेस महाविकास आघाड़ी पर निर्भर न होकर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़े। शनिवार के शिविर में इस मांग को गंभीरता से लिया गया। रमेश चेन्निथला ने कहा, “बीएमसी चुनाव लड़ने का अंतिम फैसला प्रदेश कांग्रेस कमेटी लेगी, लेकिन स्थानीय नेतृत्व की राय का पूरा सम्मान किया जाएगा।”
शिविर के दौरान माहौल उत्साही रहा। नेताओं और कार्यकर्ताओं ने ‘एकला चलो रे’ का नारा लगाकर यह संदेश दिया कि कांग्रेस अब मजबूत संगठनात्मक ढांचे के साथ स्वतंत्र रणनीति अपनाकर चुनाव में उतरेगी।
सांसद वर्षा गायकवाड़ ने इस अवसर पर कहा, “2026 को लक्ष्य बनाकर यह शिविर आयोजित किया गया है। स्थानीय स्तर पर गठबंधन को लेकर निर्णय लेने के निर्देश पार्टी ने हमें दिए थे। आज हम स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि मुंबई में हमें अपने दम पर चुनाव लड़ना चाहिए।”
हालांकि, गठबंधन के सभी विकल्प पूरी तरह बंद नहीं किए गए हैं। वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि आरपीआई गुट और राष्ट्रवादी कांग्रेस जैसे वैचारिक रूप से करीबी दलों से सीमित साझेदारी या सीट समझौते पर विचार संभव है, लेकिन बीएमसी चुनाव में कांग्रेस अपनी ताकत आजमाने की रणनीति पर जोर दे रही है।
मुंबई कांग्रेस ने इस बार 227 वार्डों में अपने उम्मीदवार उतारने का प्रस्ताव रखा है। इसके लिए बूथ स्तर पर नए संगठनात्मक ढांचे और चुनावी रणनीति तैयार की जा रही है। पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह आक्रामक और आत्मनिर्भर चुनावी मुकाबले के लिए पूरी ताकत से मैदान में उतरेगी।
मुंबई कांग्रेस के इस शिविर ने स्पष्ट कर दिया है कि आगामी बीएमसी चुनाव में पार्टी स्थानीय मुद्दों और अपनी स्वतंत्र रणनीति के आधार पर चुनावी लड़ाई में उतरने को तैयार है।
