नई दिल्ली।समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान को पैन कार्ड मामले में रामपुर एमपी/एमएलए कोर्ट ने दोषी ठहराया है। अदालत ने यह फैसला 2019 के उस मामले में सुनाया, जिसमें आरोप था कि अब्दुल्ला आजम ने चुनाव लड़ने की न्यूनतम आयु पूरी न होने के बावजूद विधायक बनने के लिए अपनी उम्र छुपाई और इसके लिए फर्जी पैन कार्ड बनवाया।
अदालत ने दोनों पर आरोप प्रमाणित होने के बाद सख्त कार्रवाई करते हुए दोषी करार दिया। कोर्ट ने पाया कि अब्दुल्ला आजम ने अपनी वास्तविक आयु से अधिक दिखाने के लिए दूसरा पैन कार्ड बनवाया और इस प्रक्रिया में उनके पिता आजम खान की भी भूमिका रही। कोर्ट ने मामले की सभी जांच-पड़ताल और सबूतों की समीक्षा के बाद यह फैसला सुनाया।
इस मामले ने राजनीतिक और कानूनी हलचल भी तेज कर दी है। समाजवादी पार्टी के इस वरिष्ठ नेता और उनके बेटे के खिलाफ दायर मामले को लेकर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सवाल उठ रहे हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस फैसले का असर आगामी चुनावों और पार्टी की छवि पर पड़ सकता है।
इससे पहले 6 दिसंबर को अब्दुल्ला आजम को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा था। सुप्रीम कोर्ट ने पासपोर्ट बनवाने के लिए फर्जी दस्तावेज और दो पैन कार्ड रखने के आरोप में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि एफआईआर रद्द करने का कोई ठोस कानूनी आधार नहीं है और इसमें किसी भी तरह का हस्तक्षेप आवश्यक नहीं है।
अदालत के मुताबिक, अब्दुल्ला आजम ने पासपोर्ट बनवाने के लिए गलत जन्मतिथि और फर्जी दस्तावेजों का उपयोग किया। इसी मामले में राहत पाने की कोशिश में अब्दुल्ला आजम ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई।
फैसले के बाद अबम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की कानूनी मुसीबतें बढ़ गई हैं। आजम खान हाल ही में जेल से रिहा हुए थे, लेकिन इस नए फैसले ने उनके और उनके परिवार के राजनीतिक और कानूनी भविष्य पर बड़ा असर डाल दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई और सजा की रूपरेखा अब अदालत द्वारा तय की जाएगी।
