नई दिल्ली। कोलकाता टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका से 30 रन की हार ने भारतीय क्रिकेट टीम को एक बार फिर आलोचनाओं के घेरे में ला दिया है। स्पिन-फ्रेंडली पिच पर भारतीय बल्लेबाजी पूरी तरह नाकाम रही और टीम की कमजोरियों तथा तकनीकी खामियों ने सामने आ गई। इस हार के बाद पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने टीम इंडिया और उसके मैनेजमेंट पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि टीम में डर और असुरक्षा का माहौल बनाया गया है जिससे खिलाड़ियों का प्रदर्शन प्रभावित हो रहा है।
कैफ ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि टीम में सबसे बड़ी कमी आत्मविश्वास की है। खिलाड़ियों में स्पष्टता और भरोसे की कमी दिखाई दे रही है और हर खिलाड़ी डर के साथ खेल रहा है। उनका मानना है कि टीम मैनेजमेंट का रवैया खिलाड़ियों के लिए हतोत्साहित करने वाला है। उन्होंने कहा कि अगर खिलाड़ी को भरोसा नहीं मिलेगा तो वह खुलकर खेल नहीं पाएगा और दबाव में अपने स्वाभाविक खेल को खो देगा।
टीम चयन पर भी मोहम्मद कैफ ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि उन खिलाड़ियों को मौका नहीं दिया गया जो पिछले मैच में शानदार प्रदर्शन कर चुके थे। उदाहरण के तौर पर साई सुदर्शन ने पिछले टेस्ट में 87 रन बनाए लेकिन अगले मैच में उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला। इसी तरह सरफराज खान, जिन्होंने शतक लगाया भी अपनी जगह पक्की नहीं कर पाए और बिना मौका दिए ही ड्रॉप कर दिए गए। कैफ ने तर्क दिया कि अगर शतक लगाने वाले खिलाड़ी को भी भरोसा नहीं मिलता तो बाकी टीम के खिलाड़ियों का आत्मविश्वास कैसे बढ़ेगा।
कैफ ने टीम की स्पिन के खिलाफ तैयारी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि चेन्नई के बल्लेबाज स्पिन के खिलाफ स्वाभाविक रूप से मजबूत होते हैं क्योंकि वे बचपन से टर्निंग ट्रैक्स पर खेलते आए हैं। उदाहरण के लिए वॉशिंगटन सुंदर के टिकने का कारण यही है कि उन्हें स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ सही फुटवर्क और हाथ नरम रखने की आदत है। बाकी खिलाड़ियों के लिए यह चुनौती बनी हुई है और इस वजह से उनकी बल्लेबाजी प्रभावित हो रही है।
कैफ का मानना है कि अगर साई सुदर्शन नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते और वॉशिंगटन सुंदर निचले क्रम में होते तो भारत यह मैच आसानी से जीत सकता था। उन्होंने कहा कि सुदर्शन भी चेन्नई के हैं और स्पिन के खिलाफ मजबूत खिलाड़ी हैं, लेकिन उन्हें प्लेइंग XI में शामिल नहीं किया गया। यह टीम मैनेजमेंट की रणनीति और चयन में भ्रम को दर्शाता है।
मोहम्मद कैफ ने खिलाड़ियों पर बढ़ते दबाव की ओर भी ध्यान दिलाया। उनका कहना है कि जब खिलाड़ी को अपनी जगह पर भरोसा नहीं होता और लगातार चयन में बदलाव होते रहते हैं तो मानसिक दबाव बढ़ता है। इस दबाव के कारण खिलाड़ी अपने स्वाभाविक खेल से दूर हो जाते हैं और प्रदर्शन प्रभावित होता है।अब भारत की नजरें अगले टेस्ट पर हैं जो शुक्रवार से शुरू होगा। टीम को पहले टेस्ट की गलतियों से सीखते हुए रणनीति बदलनी होगी और स्पष्टता के साथ खेलना होगा।
बल्लेबाजी में सुधार और सही चयन इस मैच में सीरीज बचाने के लिए अहम होंगे। मोहम्मद कैफ का मानना है कि अगर टीम मैनेजमेंट अपने निर्णय में सटीकता लाए और खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ाए तो टीम भारत दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वापसी कर सकती है।कुल मिलाकर कोलकाता टेस्ट की हार ने टीम इंडिया की कमजोरियों को उजागर किया है और मोहम्मद कैफ ने इसे टीम मैनेजमेंट की गलतियों और डर के माहौल से जोड़कर देखा है। अब टीम के लिए चुनौती यह है कि अगले मैच में वे मानसिक रूप से मजबूत होकर खेलें और अपनी रणनीति और चयन में सुधार करें ताकि वे दक्षिण अफ्रीका को कड़ी टक्कर दे सकें।
