नई दिल्ली। बॉलीवुड इंडस्ट्री में सफलता का कोई निश्चित फॉर्मूला नहीं होता लेकिन कुछ नाम ऐसे हैं जो आते ही दर्शकों को भरोसे का एहसास दे जाते हैं। ऐसे ही फिल्ममेकर हैं राजकुमार हिरानी। कल यानी 20 नवंबर को 63वां जन्मदिन मनाने वाले हिरानी भारतीय सिनेमा के उन गिने चुने निर्देशकों में से हैं जिनकी हर फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सिर्फ कमाई ही नहीं करती बल्कि दर्शकों के दिल में एक अलग जगह भी बना जाती है। 22 साल के फिल्मी सफर में उन्होंने केवल छह फिल्में बनाई लेकिन इन छह फिल्मों ने हिंदी सिनेमा की दिशा बदल दी।
मुन्नाभाई से डंकी तक सफलता की अनोखी यात्रा
हिरानी ने अपने निर्देशन करियर की शुरुआत 2003 में मुन्नाभाई एमबीबीएस से की। संजय दत्त की यह फिल्म सुपरहिट साबित हुई। फिल्म में ‘जादू की झप्पी’ का आइडिया इतना लोकप्रिय हुआ कि यह समाज में प्यार और मानवता का प्रतीक बन गया। इसके बाद 2006 में आई लगे रहो मुन्नाभाई ने गांधीगिरी की नई परिभाषा गढ़ी। आम दर्शकों से लेकर युवाओं तक फिल्म का संदेश दिल से उतरा और यह फिल्म भी बंपर सफलता का कारण बनी।
2009 में रिलीज 3 इडियट्स ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था को लेकर बहस छेड़ दी। आमिर खान आर माधवन और शर्मन जोशी की यह फिल्म उस समय की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी। फिल्म युवा पीढ़ी को अपना जुनून पहचानने और डर से बाहर निकलने की प्रेरणा देती है। 2014 में आई पीके भी एक सामाजिक व्यंग्य के रूप में यादगार रही। आमिर खान और अनुष्का शर्मा की इस फिल्म ने धर्म और अंधविश्वास पर तीखे लेकिन सहज सवाल उठाए और लोगों को सोचने का मौका दिया।
2018 में आई संजू रणबीर कपूर के करियर की सबसे खास फिल्मों में शामिल है। संजय दत्त की जिंदगी पर आधारित इस फिल्म ने संघर्ष गलतियों और इंसानियत के कई रंगों को दर्शाया और साल की सबसे बड़ी हिट साबित हुई। हिरानी की हालिया फिल्म डंकी 2023 में रिलीज हुई। शाहरुख खान की इस फिल्म में अवैध अप्रवास की भावनात्मक कहानी दिखाई गई। फिल्म को दर्शकों ने खूब सराहा और शाहरुख के लिए यह कमबैक साबित हुई।
हर फिल्म समाज को देती है एक संदेश
राजकुमार हिरानी की फिल्मों की खासियत मनोरंजन और संदेश का कुशल संतुलन है। वह भारी भरकम भाषण नहीं देते बल्कि सरल कहानी और हल्के हास्य के जरिए गहरे मुद्दों को उठाते हैं। शायद यही वजह है कि उनकी छह में से छह फिल्में ब्लॉकबस्टर बनीं और वह बॉलीवुड के ‘गोल्डन डायरेक्टर’ कहे जाने लगे।
करियर की शुरुआत और काम करने का अंदाज
राजकुमार हिरानी ने करियर की शुरुआत एक एडिटर के रूप में की। उन्होंने विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म मिशन कश्मीर में एडिटर के तौर पर काम किया। इसी दौरान उन्होंने फिल्म निर्माण की बारीकियों को समझा और निर्देशक बनने का फैसला किया। 2003 में जब उन्होंने मुन्नाभाई एमबीबीएस बनाई तब किसी ने नहीं सोचा था कि यह निर्देशक आने वाले सालों में बॉलीवुड के सबसे सफल निर्देशकों में शुमार होगा। लेकिन उनकी कहानियों की साफगोई किरदारों की सरलता और भावनाओं को पर्दे पर जीवंत करने की क्षमता ने उन्हें अलग पहचान दिलाई।
निजी जिंदगी बेहद सादगी भरी
राजकुमार हिरानी अपनी निजी जिंदगी को सुर्खियों से दूर रखना पसंद करते हैं। उनकी पत्नी मंजीत हिरानी जिनका मायके का नाम मंजीत लांबा है एक पूर्व पायलट रही हैं और इंडियन एयरलाइंस के साथ काम कर चुकी हैं। वे एक लेखिका भी हैं और उनकी एक किताब प्रकाशित हो चुकी है। बताया जाता है कि शादी से पहले मंजीत ने साफ कहा था कि वे नौकरी नहीं छोड़ेंगी। इस बात को राजकुमार हिरानी ने सम्मान दिया और दोनों ने 1994 में अरेंज मैरिज की।
उनके बेटे वीर हिरानी का जन्म 1999 में हुआ। वीर अब फिल्म इंडस्ट्री में कदम रख रहे हैं और पिता के साथ फिल्म निर्माण की बारीकियां सीख रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वह जल्द ही किसी प्रोजेक्ट से एक्टिंग डेब्यू भी कर सकते हैं। छह फिल्में और छह ब्लॉकबस्टर. यह उपलब्धि बॉलीवुड में बेहद दुर्लभ है। राजकुमार हिरानी सिर्फ एक सफल निर्देशक नहीं बल्कि वो कहानीकार हैं जो दर्शकों को हंसाते भी हैं रुलाते भी हैं और जिंदगी का नया नजरिया भी देते हैं। उनका काम बताता है कि अच्छी कहानी कभी पुरानी नहीं होती और सिनेमा तब तक जिंदा रहता है जब तक वह इंसान के दिल को छूता है।
