नई दिल्ली। आईपीएल 2026 के उन्नीसवें संस्करण की तैयारियां तेज हो चुकी हैं और इसी बीच एक बड़ी चर्चा तेजी से सामने आ रही है। खिलाड़ियों की नीलामी प्रक्रिया इस बार सोलह दिसंबर को अबू धाबी में आयोजित की जाएगी। पिछले सीजन में मेगा ऑक्शन दो दिनों तक चला था जबकि इस बार मिनी ऑक्शन सिर्फ एक दिन में पूरा करने का निर्णय लिया गया है। यह फैसला आईपीएल फ्रेंचाइजी के लिए कई मायनों में अहम साबित हो सकता है क्योंकि इससे टीम संयोजन के तरीके और रणनीतियों में बदलाव देखने को मिलेंगे।
इसी बीच पूर्व भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा ने आईपीएल ऑक्शन सिस्टम पर कड़ी आपत्ति जताई है। उथप्पा का मानना है कि नीलामी व्यवस्था अब पुरानी हो चुकी है और इसे खत्म कर देना चाहिए। उनकी मांग है कि आईपीएल को मौजूदा ढाई महीने की अवधि से बढ़ाकर पूरे छह महीने का कर दिया जाए। उथप्पा का तर्क है कि इससे खिलाड़ियों को प्रगति का अधिक समय मिलेगा और दर्शकों को भी लंबा मनोरंजन मिलेगा। उनके अनुसार मौजूदा समय में आईपीएल जैसी विशाल लीग को और विकसित करने की आवश्यकता है।
रॉबिन उथप्पा ने आईपीएल की संरचना में बड़े बदलाव की सिफारिश की है। उनका कहना है कि खिलाड़ियों के चयन के लिए नीलामी के बजाय पूरे वर्ष ट्रेड विंडो खुली रहनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि एनएफएल और एनबीए की तरह ड्राफ्ट सिस्टम लागू किया जाए और टीमों के पास खिलाड़ियों को चुनने और अदला बदली करने की बेहतर स्वतंत्रता हो। उथप्पा के अनुसार वर्तमान प्रणाली खिलाड़ियों के लिए उतनी लचीली नहीं है और इससे कई युवा प्रतिभाएं सही माहौल नहीं पा पातीं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि ड्राफ्ट सिस्टम लागू किया जाता है तो फैंस टीमों से और गहराई से जुड़ेंगे क्योंकि उन्हें पता होगा कि कौन सा खिलाड़ी किस प्रक्रिया से उनकी टीम में आ रहा है।
आईपीएल के मेगा विस्तार को लेकर उथप्पा की सोच बेहद साफ है। वह चाहते हैं कि लीग छह महीने तक चले और इस दौरान बीच में इंटरनेशनल सीरीज भी आयोजित की जा सके। उनका मानना है कि इससे खिलाड़ी थकान महसूस नहीं करेंगे बल्कि विविध फॉर्मेट खेलने का अवसर पाएंगे। उन्होंने कहा कि आईपीएल अभी भी मनोरंजन आधारित टीवी सोच में फंसा हुआ है। उनके मुताबिक इसे एक वैश्विक खेल लीग की तरह विकसित करने का समय आ गया है। उथप्पा ने जोर दिया कि ड्राफ्ट सिस्टम भी बेहतरीन टीवी कंटेंट पैदा कर सकता है और इससे दर्शकों की उत्सुकता और वफादारी दोनों में बढ़ोतरी होगी।
उथप्पा ने यह भी बताया कि जब वे खुद खेल रहे थे तब भी वे ऑक्शन सिस्टम का विरोध करते थे। उनका मानना था कि नीलामी खिलाड़ियों पर दबाव बढ़ाती है और अक्सर यह प्रतिभा के संतुलित वितरण में बाधा बनती है। उन्होंने कहा कि ट्रेड विंडो का मॉडल टीमों को अधिक पेशेवर बनाएगा और खिलाड़ियों को सुरक्षित माहौल देगा। इसके साथ ही फ्रेंचाइजी के पास अपनी स्क्वाड को समय के साथ सुधारने के बेहतर विकल्प भी रहेंगे।
रॉबिन उथप्पा का क्रिकेट करियर भी इस चर्चा का एक महत्वपूर्ण पहलू है। उन्होंने भारत के लिए उनसठ अंतरराष्ट्रीय मैच खेले और आईपीएल के पहले संस्करण से लेकर 2022 तक इस लीग का हिस्सा रहे। मुंबई इंडियंस से शुरुआत कर उन्होंने कई फ्रेंचाइजियों के लिए खेला और चेन्नई सुपर किंग्स के लिए अपना अंतिम सीजन खेला। आईपीएल में उन्होंने दो सौ पाँच मैच खेले और 130 दशमलव 35 की स्ट्राइक रेट से चार हजार नौ सौ बापन्न रन बनाए। उनकी लगातार आक्रामक बल्लेबाजी ने उन्हें आईपीएल इतिहास के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाजों में शामिल किया है।
उथप्पा का मानना है कि आईपीएल विश्व की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग है इसलिए इसे अब स्टार्टअप सोच से बाहर निकालना होगा। उनके अनुसार लीग के पास विस्तार और नवाचार की असीमित संभावनाएं हैं। यदि इसे छह महीने तक चलाया जाए तो यह वैश्विक स्तर पर अन्य प्रमुख स्पोर्ट्स लीगों की बराबरी कर सकेगा। उनकी राय में यह बदलाव सिर्फ खिलाड़ियों या टीमों के लिए नहीं बल्कि करोड़ों दर्शकों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा।
