नई दिल्ली। पूर्व क्रिकेटर और वर्तमान कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने एक अहम खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि इंग्लैंड के ऑलराउंडर मोईन अली ने उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल किया था। यह घटना 2016 में भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज के दौरान हुई थी। चोपड़ा ने उस समय मोईन अली की बल्लेबाजी में एक कमजोरी की ओर इशारा किया था, जिसने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी थी।
आकाश चोपड़ा ने कहा कि 2016 के चेन्नई टेस्ट में उन्होंने मोईन अली की शॉर्ट बॉल खेलने की कमजोरी पर विश्लेषण किया था। उन्होंने अपने विश्लेषण में दिखाया कि मोईन छोटी गेंदों के खिलाफ आसानी से शॉट मिस कर सकते हैं। इस विश्लेषण और डेमो के बाद मोईन अली ने उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल किया। हालांकि, मैच में मोईन ने पांचवें टेस्ट में शतक जड़कर अपने प्रदर्शन से सभी का ध्यान खींचा और साबित कर दिया कि वह किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।
चोपड़ा ने बताया कि जब मोईन अली ने उनके विश्लेषण पर नाराजगी जताई, तो उन्होंने शांति से जवाब दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके आंकड़ों में कुछ विवाद हो सकता है, लेकिन विश्लेषण में कोई गलती नहीं थी। यह व्यवहार दर्शाता है कि आकाश चोपड़ा ने प्रोफेशनलिज्म बनाए रखा और अपने काम के प्रति पूरी निष्ठा दिखाई।
चेन्नई टेस्ट में भारत ने मोईन अली के खिलाफ बाउंसर रणनीति अपनाई। इशांत शर्मा की गेंदबाजी में मोईन ने शुरुआत में चौका लगाया, लेकिन जल्दी ही आउट हो गए। इस प्रदर्शन ने चोपड़ा के विश्लेषण की पुष्टि कर दी। चोपड़ा ने कहा कि वह मोईन अली से सीधे यह नहीं कह पाए, लेकिन उनका विश्लेषण सही साबित हुआ।
बाद में मोईन अली ने चोपड़ा से माफी मांगी और दोनों के बीच नाराज़गी खत्म हो गई। आकाश चोपड़ा ने यह भी बताया कि इस घटना से उन्हें सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपने विश्लेषण और तथ्यों के साथ खुद को सही साबित किया। इस पूरी घटना ने दिखाया कि खेल में विश्लेषण और आलोचना दोनों महत्वपूर्ण हैं और प्रोफेशनलिज्म बनाए रखना कितना जरूरी है।
चोपड़ा का यह खुलासा क्रिकेट फैंस के लिए काफी रोचक है क्योंकि इसमें दिखता है कि कैसे खिलाड़ी और विश्लेषक के बीच मतभेद हो सकते हैं। साथ ही यह भी सामने आता है कि खिलाड़ी अपनी कमजोरी सुधारने और चुनौती का सामना करने में सक्षम होते हैं। इस घटना ने यह भी साबित किया कि आलोचना और ट्रोलिंग का सामना धैर्य और तथ्य के साथ किया जा सकता है।
कुल मिलाकर, आकाश चोपड़ा का यह खुलासा न केवल उनके प्रोफेशनल दृष्टिकोण को दिखाता है बल्कि क्रिकेट में खिलाड़ियों और कमेंटेटरों के बीच होने वाले संवाद और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को भी उजागर करता है। मोईन अली और आकाश चोपड़ा की यह कहानी दर्शाती है कि कभी-कभी आलोचना और विवाद के बावजूद सही विश्लेषण और धैर्य से हर स्थिति का समाधान संभव है।
