नई दिल्ली। ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा क्षेत्र स्थित नगला हुकुम सिंह गांव में बुधवार को निर्माण कार्य में हुई गंभीर लापरवाही ने चार मजदूरों की जान ले ली और सात को गंभीर रूप से घायल कर दिया। निर्माणाधीन मकान की तीसरी मंजिल का लेंटर अचानक ढह गया जिससे नीचे की दो मंजिलें भी मलबे में तब्दील हो गईं। इस हादसे ने इलाके में डर और दुख का माहौल पैदा कर दिया है। पुलिस ने ठेकेदार मनोज माहेश्वरी को गिरफ्तार कर लिया है जबकि मकान मालिक महावीर सिंह उनकी पत्नी राजबाला और बेटा गौरव अभी फरार हैं।
हादसा उस समय हुआ जब महावीर सिंह अपने मकान की तीसरी मंजिल का लेंटर डालवा रहे थे। दो मंजिलें पहले से तैयार थीं और काम में कुल 11 मजदूर जुटे हुए थे। अचानक तीसरी मंजिल का लेंटर भरभराकर गिर गया और नीचे की दोनों मंजिलें भी मलबे में दब गईं। रेस्क्यू टीमों ने घंटों की मेहनत के बाद मजदूरों को बाहर निकाला। अस्पताल में जीशान 22 साल शाकिर 38 साल कामिल 20 साल और नदीम को मृत घोषित किया गया। घायल मजदूरों में दानिश फरदीन रहीस उमेश सितारा दिव्यांश और पायल शामिल हैं सभी को गंभीर चोटें आई हैं और उनका इलाज जारी है।
प्राथमिक जांच में पता चला है कि इमारत के निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया था। निर्माण में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई और मजदूरों को कोई सुरक्षा उपकरण नहीं दिए गए। लेंटर डालने से पहले संरचनात्मक मजबूती की जांच नहीं की गई और शटरिंग जल्दबाजी में हटाई गई जिससे पूरी इमारत अस्थिर हो गई और हादसा हो गया। ये सभी लापरवाहियां मिलकर एक बड़ा हादसा बन गई।
एडीसीपी ग्रेटर नोएडा सुधीर कुमार ने बताया कि तकनीकी जांच में साफ हो गया है कि हादसा ठेकेदार मनोज माहेश्वरी की लापरवाही का परिणाम है। मनोज को फ्लैदा कट क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया है। मकान मालिक महावीर सिंह उनकी पत्नी राजबाला और बेटा गौरव के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है।
इस हादसे ने प्रशासन को भी सतर्क कर दिया है। यमुना प्राधिकरण और प्रस्तावित जेवर एयरपोर्ट क्षेत्र के आसपास चल रहे अवैध और असुरक्षित निर्माणों की पहचान कर उन्हें हटाने की कार्रवाई की जाएगी। यह हादसा एक बार फिर सवाल खड़ा करता है कि ग्रामीण और अर्धशहरी क्षेत्रों में बिना जांच बिना अनुमति और बिना सुरक्षा मानकों के निर्माण कार्य किस प्रकार लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं।
ग्रामीण इलाकों में ऐसे निर्माण अक्सर स्थानीय प्रशासन की अनदेखी और निगरानी की कमी के कारण होते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि उचित निर्माण सामग्री का उपयोग संरचनात्मक जांच और मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अनिवार्य है। सुरक्षा मानकों की अनदेखी और जल्दबाजी अक्सर जानलेवा साबित होती है और ग्रेटर नोएडा का यह हादसा इसका सजीव उदाहरण है। इस दर्दनाक घटना ने आसपास के लोगों को झकझोर कर रख दिया है। स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से अपील की है कि भविष्य में ऐसी लापरवाही रोकने के लिए कड़ी निगरानी और सख्त कार्रवाई की जाए ताकि मजदूरों की जान सुरक्षित रहे और निर्माण कार्य सुरक्षित तरीके से हो।
