ढाका। शुक्रवार सुबह भारतीय समयानुसार करीब 10:08 बजे बांग्लादेश में 5.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिसने देश में भारी तबाही मचाई। इस प्राकृतिक आपदा में कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं।भूकंप का केंद्र नरसिंगडी के माधबडी में था, जो राजधानी ढाका से सिर्फ 25 किलोमीटर दूर है। झटके इतने तेज थे कि इसके असर से एक दस मंजिला इमारत एक तरफ झुक गई।
भगदड़ से बड़ा हादसा, बच्ची की मौत
भूकंप के दौरान दो बड़ी दुर्घटनाएँ सामने आईंकपड़ा फैक्ट्री में भगदड़: गाजीपुर के श्रीपुर में डेनिमेक नाम की एक कपड़ा फैक्ट्री में भूकंप के बाद भगदड़ मच गई। अधिकारियों द्वारा मेनगेट न खोले जाने के कारण दहशत फैल गई, जिसमें 150 से अधिक मजदूर घायल हो गए।
दीवार गिरने से मौत: नारायणगंज के रूपगंज उपजिला में भूकंप के दौरान एक सड़क किनारे की दीवार गिरने से एक 10 महीने की बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई। बच्ची की मां और एक पड़ोसी भी घायल हुए हैं।इस बीच, चल रहा बांग्लादेश-आयरलैंड इंटरनेशनल क्रिकेट मैच भी सुरक्षा के मद्देनजर कुछ देर के लिए रोक दिया गया था।
कोलकाता तक महसूस हुए झटके
भूकंप का असर पड़ोसी देश भारत के पश्चिम बंगाल तक महसूस किया गया।कोलकाता में सुबह 10:10 बजे करीब 20 सेकेंड तक झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर यहाँ इसकी तीव्रता 5.2 मापी गई। कूचबिहार, दक्षिण दिनाजपुर, मालदा और नादिया जैसे कई इलाकों में भी इसका असर देखा गया। हालांकि, कोलकाता में अब तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है।
बांग्लादेश का सबसे बड़ा भूकंप (1762)
बांग्लादेश में दर्ज इतिहास का सबसे बड़ा भूकंप 1762 में आया था, जिसे ‘ग्रेट अराकान अर्थक्वेक’ (तीव्रता 8.5) के नाम से जाना जाता है। इस भूकंप के चलते 6 से 15 मीटर ऊंची सुनामी आई थी, जिसने चटगांव शहर को तबाह कर दिया था। उस समय ईस्ट इंडिया कंपनी के दस्तावेजों में भी लिखा गया था कि चटगांव शहर रातों-रात गायब हो गया था।
