नई दिल्ली । बॉलीवुड के दिग्गज और प्रतिष्ठित पटकथा लेखक सलीम खान आज 24 नवंबर को अपना 87वां जन्मदिन मना रहे हैं। हिंदी सिनेमा में लेखक को स्टार की तरह पहचान दिलाने वाले सलीम खान ने अपने करियर की शुरुआत एक अभिनेता के रूप में की थी लेकिन असली इतिहास उन्होंने जावेद अख्तर के साथ मिलकर लिखा। सलीम जावेद की जोड़ी ने हिंदी फिल्मों में संवाद और पटकथा लेखन की परिभाषा बदल दी। जंजीर दीवार शोले डॉन और त्रिशूल जैसी फिल्में इस जोड़ी की प्रतिभा का प्रमाण हैं जिन्होंने न सिर्फ कलाकारों के करियर बदले बल्कि बॉलीवुड की दिशा भी मोड़ दी।
एक्टर बनने मुंबई पहुंचे पर किस्मत ने बदला रास्ता
इंदौर में जन्मे सलीम खान अपने समय के बेहद हैंडसम युवकों में गिने जाते थे। फिल्मों में आने का मौका उन्हें संयोग से मिला। इंदौर की एक शादी में मशहूर फिल्ममेकर के अमरनाथ ने उन्हें देखकर फिल्म में काम करने का ऑफर दे दिया। निर्माता ने कहा कि दिलीप कुमार जैसे महान कलाकार भी बिना थिएटर बैकग्राउंड के स्टार बने बस इतना सुनकर सलीम खान मुंबई जाने को तैयार हो गए। लेकिन सफर आसान नहीं था। घर से निकलते समय उनके बड़े भाई ने ताना दिया कि वहाँ टिक नहीं पाओग हर पंद्रह दिन में पैसे माँगोगे। यही ताना सलीम खान की जिद बन गया। उन्होंने ठान लिया कि वे न तो वापस लौटेंगे और न ही पैसे मंगवाएँगे।
25 फिल्मों के बाद भी सफलता नहीं लेकिन हिम्मत नहीं हारी
मुंबई में उन्होंने लगभग 25 फिल्मों में अभिनय किया, लेकिन बड़ी सफलता नहीं मिली। पर उन्होंने हार नहीं मानी। अभिनय में असफल होने के बाद उन्होंने लेखन का रास्ता चुना। यही कदम उन्हें हिंदी सिनेमा का सबसे बड़ा पटकथा लेखक बनाने वाला था। सलीम जावेद एक जोड़ी जिसने बदल दिया बॉलीवुड जब सलीम खान की मुलाकात जावेद अख्तर से हुई तो हिंदी फिल्मों में लेखक का महत्व बदलने लगा। दोनों ने मिलकर ऐसी कहानियाँ और संवाद रचे जो आज भी भारतीय सिनेमा की धरोहर माने जाते हैं। विशेष रूप से जंजीर ने अमिताभ बच्चन को एंग्री यंग मैन बना दिया और इसी फिल्म से सलीम जावेद की लोकप्रियता आसमान छूने लगी।
दीवार भारतीय सिनेमा की अमर पटकथा
1975 की दीवार सलीम जावेद की सबसे बेहतरीन फिल्मों में गिनी जाती है। दो भाइयों विजय और रवि की कहानी पर आधारित यह फिल्म कानून और अपराध के बीच के संघर्ष को बेहद शक्तिशाली तरीके से दर्शाती है। अमिताभ बच्चन के निडर विजय और शशि कपूर के ईमानदार रवि का संघर्ष दर्शकों के दिलों में आज भी ताज़ा है। इस फिल्म के संवाद आज भी इतिहास के सुनहरे अक्षरों में दर्ज हैं आज मेरे पास बंगला है गाड़ी है बैंक बैलेंस है तुम्हारे पास क्या है मेरे पास माँ है। तुम लोग मुझे ढूँढ रहे हो और मैं तुम्हारा यहाँ इंतज़ार कर रहा हूँ। इन संवादों ने सलीम जावेद को भारतीय सिनेमा का सबसे ताकतवर लेखक बना दिया। व्यक्तिगत जीवन दो शादियाँ और एक सुंदर जुड़ा हुआ परिवार सलीम खान ने दो बार शादी की ।
पहली पत्नी सलमा खान सुशीला चरक से उन्होंने 1964 में विवाह किया। उनसे उन्हें चार बच्चे हुए सलमान खान बॉलीवुड के सबसे बड़े सुपरस्टार अरबाज़ खान अभिनेता निर्मात सोहेल खान अभिनेता निर्माता अलवीरा अग्निहोत्री डिजाइनर और निर्माता दूसरी पत्नी हेलन जो अपने समय की आइकॉनिक कैबरे डांसर थीं से उन्होंने 1980 में शादी की। हेलन और सलमा खान ने समय के साथ एक दूसरे को स्वीकार किया और आज यह परिवार बॉलीवुड में एक मिसाल माना जाता है। हेलन ने एक बेटी अर्पिता खान को गोद लियाजिनकी शादी अभिनेता आयुष शर्मा से हुई।
