मध्यप्रदेश । रतलाम जिले से शनिवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे की खबर सामने आई है। दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे पर शिवगढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत काजलिया पाड़ा स्थित जामण नदी के पास एक तेज रफ्तार कार आगे चल रहे ट्राले में जा घुसी। हादसा इतना भयानक था कि कार का अगला हिस्सा पूरी तरह से चकनाचूर हो गया। इस दुर्घटना में कार सवार सूरत के रहने वाले दंपति और उनके दो मासूम बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना शनिवार सुबह करीब 9 बजे की बताई जा रही है। तेज रफ्तार में दौड़ रही कार जीजे 05 आर क्यू 1421 अचानक सामने चल रहे ट्राले से टकरा गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि वाहन के एयरबैग तक समय पर खुल गए जिसने कार में बैठे चारों लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालांकि सभी को गंभीर चोटें आई हैं और उनका इलाज जारी है।
रेस्क्यू टीम की त्वरित कार्रवाई
हादसे की खबर मिलते ही शिवगढ़ थाना पुलिस और एनएचएआई की रेस्क्यू टीम तत्काल मौके पर पहुंची। कार के आगे का हिस्सा ट्राले में बुरी तरह धंस जाने की वजह से दंपति और बच्चों को बाहर निकालना बेहद चुनौतीपूर्ण था। रेस्क्यू टीम ने कड़ी मशक्कत और सावधानी के साथ कार के क्षतिग्रस्त हिस्से को काटकर घायलों को सुरक्षित बाहर निकाला। इसके बाद पुलिस और एनएचएआई की एम्बुलेंस द्वारा सभी घायलों को तुरंत रतलाम मेडिकल कॉलेज भेजा गया जहां डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है। प्राथमिक जानकारी के अनुसार, घायलों को सिर, हाथ और पैर में गंभीर चोटें आई हैं लेकिन अस्पताल प्रशासन ने बताया कि उनकी स्थिति नियंत्रण में है।
कार का सामने का हिस्सा पूरी तरह तबाह
हादसे की तस्वीरों और मौके के हालात से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि टक्कर कितनी भीषण रही होगी। कार की बोनट बंपर इंजन का हिस्सा और आगे के दोनों दरवाजे पूरी तरह दब गए थे। हादसे का कारण अभी स्पष्ट नहीं है लेकिन प्राथमिक दृष्टि से ऐसा माना जा रहा है कि तेज रफ्तार और ट्राले से पर्याप्त दूरी न होने की वजह से दुर्घटना हुई। स्थानीय पुलिस ने बताया कि एक्सप्रेस वे पर ट्राले और भारी वाहनों की आवाजाही लगातार बनी रहती है। ऐसे में ड्राइवरों को स्पीड लिमिट का पालन करने और वाहन दूरी बनाए रखने की सलाह दी जाती है। हालांकि कार सवारों ने अचानक ट्राले से टकराने से पहले ब्रेक लगाया या नहीं, यह जांच का विषय है।
मानवीय संवेदनशीलता और सुरक्षा का बड़ा सवाल
यह हादसा एक बार फिर हाईवे पर तेज रफ्तार से वाहन चलाने से होने वाले खतरों की ओर ध्यान आकर्षित करता है। दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे देश का सबसे आधुनिक और हाई टेक हाईवे माना जाता है, जहां गाड़ियों को उच्च गति से चलाने की सुविधा है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि गति का नियंत्रण सड़कों पर जागरूकता और सावधानी बरतना उतना ही आवश्यक है। रेस्क्यू टीम के एक अधिकारी ने बताया कि यदि कार में एयरबैग नहीं खुलते तो नुकसान और भी ज्यादा हो सकता था। आधुनिक वाहनों में सुरक्षा मानकों के बावजूद ड्राइवर की सतर्कता सबसे महत्वपूर्ण कारक है।
पुलिस कर रही है मामले की जांच
शिवगढ़ थाना पुलिस ने ट्राले के ड्राइवर और कार चालक दोनों के बयान लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मौके से मिले ब्रेक मार्क कार की स्थिति और ट्राले के मूवमेंट के आधार पर पुलिस हादसे के वास्तविक कारण की जांच कर रही है। एक्सप्रेस-वे पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाली जा रही है जिससे पता लगाया जा सके कि कार किस गति से आ रही थी और टक्कर कैसे हुई। रतलाम का यह हादसा न केवल एक परिवार की जिंदगी में बड़ा सदमा लेकर आया है बल्कि यह सभी यात्रियों के लिए चेतावनी भी है कि हाईवे पर गति सीमाओं और सावधानी का पालन कितना महत्वपूर्ण है। तेज रफ्तार कभी कभी पल भर में जीवन को संकट में डाल सकती है। फिलहाल सूरत के घायल परिवार का इलाज रतलाम मेडिकल कॉलेज में जारी है और पुलिस मामले की विस्तृत जांच में जुटी है।
