नई दिल्ली। केंद्र सरकार आगामी शीतकालीन सत्र में प्रस्तावित संविधान 131वां संशोधन विधेयक को संसद में पेश करने की तैयारी कर रही है। लेकिन इस विधेयक से पहले ही पंजाब की राजनीति में उथल-पुथल मच गई है। आम आदमी पार्टी पंजाब सरकार और पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने खुलकर इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
चंडीगढ़ पंजाब का था, है और रहेगा – केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर कड़ा रुख अपनाते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा:चंडीगढ़ पंजाब का है और पंजाब का ही रहेगा। संविधान संशोधन के जरिए चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकारों को खत्म करने की कोशिश केवल प्रशासनिक बदलाव नहीं बल्कि पंजाब की पहचान पर हमला है। पंजाबियों ने कभी तानाशाही के आगे सिर नहीं झुकाया। आज भी नहीं झुकाएंगे।केजरीवाल ने इसे संघीय ढांचे पर सीधा प्रहार बताते हुए कहा कि पंजाब ने देश के लिए जो योगदान दिया है उसकी अनदेखी करते हुए उसके अधिकार छीने जा रहे हैं।
CM भगवंत मान ने कहा: पंजाब के हितों के विरुद्ध संशोधन
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी एक्स पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र सरकार को चेतावनी दी। उन्होंने लिखाहम संविधान 131वां संशोधन विधेयक का कड़ा विरोध करते हैं। यह संशोधन पंजाब के हितों के खिलाफ है। पंजाब के गांवों को उजाड़कर बनाई गई चंडीगढ़ पर सिर्फ पंजाब का हक है। पंजाब के अधिकारों को खत्म करने की साजिश सफल नहीं होने देंगे। जरूरत पड़ी तो हर कदम उठाया जाएगा।मान का कहना है कि यह प्रस्ताव पंजाब के संवैधानिक अधिकारों और राजनीतिक हिस्सेदारी को कमज़ोर करने की कोशिश है।
क्या है संविधान 131वां संशोधन विधेयक
संविधान 131वां संशोधन विधेयक 2025 एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव है जिसके तहत:केंद्र सरकार चंडीगढ़ को संविधान के अनुच्छेद 240 के दायरे में लाना चाहती है।अनुच्छेद 240 राष्ट्रपति को कुछ केंद्र शासित प्रदेशो-जैसे लक्षद्वीप, दादरा-नागर हवेली-के लिए सीधे कानून बनाने का अधिकार देता है।इस बदलाव के बाद चंडीगढ़ पर केंद्र का नियंत्रण और अधिक मजबूत हो सकता है।वर्तमान में चंडीगढ़ का प्रशासन पंजाब के राज्यपाल द्वारा संभाला जाता है, जो चंडीगढ़ के प्रशासक भी होते हैं।पंजाब का आरोप है कि यह संशोधन चंडीगढ़ पर पंजाब की प्रशासनिक पकड़ को कमजोर करेगा और क्षेत्रीय अधिकारों का हनन करेगा।
विवाद क्यों बढ़ रहा है
चंडीगढ़ ऐतिहासिक रूप से पंजाब और हरियाणा की साझा राजधानी है, लेकिन पंजाब अक्सर यह दावा करता आया है कि शहर उसकी जमीन पर बसाया गया था।इसके चलते किसी भी प्रशासनिक बदलाव को पंजाब अपने अधिकारों पर सीधा हमला मानता है।AAP इसे केंद्र द्वारा राज्यों के अधिकार सीमित करने की कोशिश के रूप में पेश कर रही है।
