खंडवा। कांग्रेस जिलाध्यक्ष उत्तमपालसिंह पुरनी ने सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल पर किसानों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है। पुरनी का कहना है कि सांसद लोकसभा में केवल बुरहानपुर के गन्ना और केले किसानों के मुद्दों को उठाते हैं और उन्हें राहत दिलाते हैं, जबकि खंडवा के प्याज और सोयाबीन किसानों के लिए उनकी कोई आवाज नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि जब खंडवा के किसान अपने अधिकारों के लिए आंदोलन करते हैं, तो उन्हें “कांग्रेसी मानसिकता” का दोषी ठहराया जाता है।
यह बयान हाल ही में सांसद पाटिल की वादाखिलाफी के विरोध में किसानों द्वारा आयोजित शवयात्रा के बाद आया है। किसानों ने प्याज के उचित मूल्य न मिलने के कारण 15 नवंबर को टिगरिया गांव में रेल रोको आंदोलन करने की योजना बनाई थी। इस दौरान सांसद पाटिल किसानों से मिले और आश्वासन दिया कि वे इस मुद्दे पर केंद्रीय कृषि मंत्री और मुख्यमंत्री से मुलाकात कराएंगे।
हालांकि, एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद सांसद ने किसानों के लिए किसी भी सरकारी प्रतिनिधि से समय नहीं लिया। इससे नाराज किसान और उनके नेता सड़कों पर आ गए। आंदोलन से जुड़े नेताओं ने अपने ही किसानों से कहा कि सरकार के साथ उनके कुछ लोग दलाली कर रहे हैं। नाराजगी के चलते किसानों ने टिगरिया गांव में सांसद पाटिल की प्रतीकात्मक शवयात्रा निकाली, जिसमें अंतिम संस्कार और मुंडन तक कराया गया। इस दौरान महिलाओं ने भी अपने दुख का इजहार किया।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष पुरनी ने आरोप लगाया कि ज्ञानेश्वर पाटिल केवल बुरहानपुर के केले किसानों के लिए संसद में मुद्दा उठाते हैं और उन्हें राहत राशि मिलती है, जबकि खंडवा के किसानों के आंदोलन को दबाने की कोशिश की जाती है। उन्होंने कहा कि मक्का, सोयाबीन और प्याज किसानों की हालत बेहद खराब है। मक्का की कीमतें तय मूल्य 2400 रुपये प्रति क्विंटल होने के बावजूद 800 से 1500 रुपये में बिक रही हैं। सोयाबीन और प्याज भी उचित दाम नहीं मिलने के कारण किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।
पुरनी ने यह भी कहा कि खंडवा के जनप्रतिनिधि कमजोर हैं, इसलिए किसानों को राहत राशि या बीमा का लाभ नहीं मिल रहा। उन्होंने प्रदेश के अन्य जिलों जैसे हरदा का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां किसानों को समय पर राहत और बीमा लाभ मिल जाता है। पुरनी ने सवाल उठाया कि पिछले 20 साल से राज्य में और पिछले 10 साल से केंद्र में बीजेपी की सरकार होने के बावजूद किसान परेशान क्यों हैं।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस किसानों के मुद्दों को गंभीरता से लेती है और सरकार की उदासीनता के खिलाफ जल्द ही एक बड़ा आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर सांसद के समर्थक जो अनर्गल टिप्पणियां कर रहे हैं, वे किसानों के वास्तविक संघर्ष को नहीं समझते। कांग्रेस कई बार किसानों के मुद्दों पर ज्ञापन दे चुकी है, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। यदि सरकार किसानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं देती है, तो कांग्रेस बड़े पैमाने पर आंदोलन कर किसानों के समर्थन में आवाज उठाएगी।
खंडवा में किसानों की यह नाराजगी और कांग्रेस की चेतावनी अब इस बात का संकेत देती है कि अगर सरकार जल्द राहत नहीं देती, तो किसान और उनके समर्थक सड़कों पर और बड़े स्तर पर विरोध करने को तैयार हैं। इस मुद्दे पर राज्य और केंद्र सरकार की सक्रिय भूमिका न दिखाने से किसान आंदोलन और भी तेज होने की संभावना है।
