नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग और एसआईआर प्रक्रिया पर कड़ा विरोध जताया है और बीजेपी को कड़ी चेतावनी दी है। ममता का कहना है कि एसआईआर के तहत जब चुनावी मतदाता सूची का मसौदा सामने आएगा, तो लोग समझ सकेंगे कि चुनाव आयोग और बीजेपी ने किस तरह की स्थिति उत्पन्न की है। ममता ने हाल ही में संपन्न बिहार चुनाव के नतीजों पर भी सवाल उठाए और आरोप लगाया कि विपक्ष को बीजेपी की रणनीति का सही तरीके से मुकाबला करने का मौका नहीं मिला। उन्होंने बीजेपी को चेतावनी दी कि अगर पार्टी बंगाल में उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश करती है, तो वह पूरे देश में बीजेपी की नींव हिला सकती हैं।
ममता बनर्जी का बीजेपी को अल्टीमेटम
ममता बनर्जी ने बीजेपी को कड़ा अल्टीमेटम देते हुए कहा कि यदि बीजेपी उनकी सरकार या बंगाल में उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करती है, तो वह पूरे देश में पार्टी की जड़ें हिला देंगी। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार चुनाव में जो नतीजे आए हैं, वह एसआईआर प्रक्रिया का असर हैं। ममता ने यह साफ किया कि वह एसआईआर प्रक्रिया को दो-तीन साल के भीतर लागू करने के पक्ष में हैं, और अगर ऐसा हुआ, तो वह इसे पूरी तरह समर्थन देंगी।
चुनाव आयोग पर ममता का हमला
ममता ने चुनाव आयोग पर भी तीखा हमला किया और आरोप लगाया कि अब चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था नहीं रह गया, बल्कि ‘बीजेपी कमीशन’ बन गया है। उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग अब निष्पक्ष नहीं है और उसकी भूमिका अब बीजेपी के हित में काम करने वाली हो गई है। ममता ने यह भी कहा कि बीजेपी राजनीतिक रूप से उनका मुकाबला नहीं कर सकती और न ही उसे चुनावी मैदान में हराया जा सकता है।
एसआईआर प्रक्रिया पर ममता के सवाल
ममता बनर्जी ने एसआईआर प्रक्रिया को लेकर गंभीर सवाल उठाए। उनका कहना था कि अगर इसका उद्देश्य बांग्लादेशी नागरिकों को वोटर लिस्ट से हटाना है, तो सवाल उठता है कि इसे बीजेपी शासित राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में क्यों लागू नहीं किया जा रहा। उन्होंने यह भी कहा, “मैं बांग्लादेश को एक देश के रूप में प्यार करती हूं क्योंकि हमारी भाषा एक जैसी है।” ममता का इशारा इस बात की ओर था कि अगर एसआईआर प्रक्रिया को सही तरीके से लागू किया जाए, तो इसे सभी राज्यों में लागू किया जाना चाहिए, न कि सिर्फ बंगाल को निशाना बनाकर।
घुसपैठ पर ममता का केंद्र को चुनौती
ममता ने घुसपैठ के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर भी हमला बोला। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर रोहिंग्या जैसी अवैध घुसपैठियां हो रही हैं, तो उनकी एंट्री कहां से हो रही है, क्योंकि सीमा सुरक्षा का पूरा प्रबंधन केंद्र सरकार के पास है। ममता ने यह भी आरोप लगाया कि कस्टम विभाग, बॉर्डर सिक्योरिटी और एयरपोर्ट सुरक्षा की जिम्मेदारी भी केंद्र सरकार के पास है। ऐसे में, बंगाल को घुसपैठ के लिए कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है?
ममता ने बीजेपी पर यह आरोप भी लगाया कि वह बंगाल को कब्जाने की कोशिश कर रही है और यह प्रक्रिया किसी भी हालत में सफल नहीं होगी। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अंग्रेज भी बंगाल पर कब्जा नहीं कर सके थे, और अब बीजेपी को बंगाल में कोई सफलता नहीं मिल सकेगी। ममता का कहना था कि एसआईआर प्रक्रिया मिजोरम, मणिपुर और असम जैसे राज्यों में लागू नहीं हो रही है, लेकिन बंगाल को निशाना बनाया जा रहा है।
बंगाल पर कब्जे की बीजेपी की कोशिशों का विरोध
ममता ने यह भी कहा कि बीजेपी बंगाल पर कब्जा करने की लगातार कोशिश कर रही है, लेकिन ऐसा होने से पहले ही उसे गुजरात में हार का सामना करना पड़ेगा। ममता ने राज्य में बीजेपी की राजनीतिक योजनाओं पर कड़ी नजर रखते हुए, केंद्र सरकार को चेतावनी दी कि बंगाल के लोगों के अधिकारों और उनकी स्वाधीनता से किसी को छेड़छाड़ करने का कोई हक नहीं है।
ममता का यह बयान एक तरह से बीजेपी और केंद्र सरकार को कड़ा संदेश देने वाला था, जिसमें उन्होंने चुनावी प्रक्रिया से लेकर राज्य की सुरक्षा और राजनीति तक हर पहलू पर अपना पक्ष रखा।
