Dalip Tahil Birthday Special: थिएटर के मंच से बॉलीवुड के विलेन तक, 50 साल का शानदार सफर
बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और लोकप्रिय विलेन दलीप ताहिल आज (30 अक्टूबर, 2025) अपना 71वां जन्मदिन मना रहे हैं। 1952 में आगरा में जन्मे दलीप ताहिल ने अपनी दमदार अदाकारी, प्रभावशाली डायलॉग डिलीवरी और सशक्त स्क्रीन प्रेजेंस से भारतीय सिनेमा में एक अमिट छाप छोड़ी। भले ही उन्होंने फिल्मों में अधिकतर विलेन का किरदार निभाया, लेकिन उनके भीतर हमेशा एक हीरो बनने की चाहत रही।
थिएटर से मिली अभिनय की बुनियाद
दलीप ताहिल ने अपनी शुरुआती शिक्षा नैनीताल और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पूरी की। स्कूल के दिनों से ही उन्हें अभिनय का जुनून था। वे लगातार नाटकों में भाग लेते रहे, जिससे उनकी एक्टिंग की नींव मजबूत हुई। बड़े पर्दे पर आने से पहले उन्होंने थिएटर में लंबा वक्त बिताया, जहां मंच ने उन्हें अभिव्यक्ति की ताकत और संवाद पर पकड़ दी। यही अनुभव आगे चलकर उनके फिल्मी करियर की सबसे बड़ी पूंजी साबित हुआ।
बॉलीवुड में संघर्ष और पहली पहचान
थिएटर के दिनों में उनकी प्रतिभा पर निर्देशक श्याम बेनेगल की नजर पड़ी, जिन्होंने उन्हें 1974 की फिल्म ‘अंकुर’ में काम करने का मौका दिया। हालांकि यह फिल्म उन्हें पहचान नहीं दिला सकी, लेकिन दलीप ने हार नहीं मानी। करीब छह साल तक उन्होंने जिंगल्स, मॉडलिंग और विज्ञापनों के जरिए खुद को संभाला।
उनकी किस्मत तब बदली जब रमेश सिप्पी की फिल्म ‘शान’ (1980) में उन्हें एक छोटा लेकिन असरदार नेगेटिव रोल मिला। इसी किरदार ने उन्हें दर्शकों की नज़रों में ला खड़ा किया और इसके बाद दलीप ताहिल को लगातार विलेन के रोल मिलने लगे।
‘बाजीगर’ बना करियर का टर्निंग पॉइंट
साल 1993 में रिलीज़ हुई ‘बाजीगर’ दलीप ताहिल के करियर की सबसे बड़ी सफलता साबित हुई। शाहरुख खान, काजोल और शिल्पा शेट्टी के साथ उनकी ऑन-स्क्रीन मौजूदगी ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। उन्होंने इस फिल्म में नेगेटिव किरदार निभाकर यह साबित किया कि विलेन भी उतने ही यादगार हो सकते हैं जितने हीरो।
‘बाजीगर’ के बाद दलीप ताहिल ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वे 100 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके हैं, जिनमें राम लखन, कभी हां कभी ना, इश्क, रा.वन जैसी लोकप्रिय फिल्में शामिल हैं।
अब भी कायम है एक्टिंग का जादू
आज 71 की उम्र में भी दलीप ताहिल सक्रिय हैं और वेब सीरीज़ व थिएटर में अपने अभिनय का जलवा बिखेर रहे हैं। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि संघर्ष और समर्पण से हर सपना पूरा किया जा सकता है। थिएटर से शुरू हुआ उनका सफर आज भी नई पीढ़ी के कलाकारों के लिए प्रेरणा बना हुआ है।
