नई दिल्ली । बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले सीट बंटवारे और टिकट कटौती की चर्चाएं जोरों पर हैं। इस बीच, एनडीए के वरिष्ठ नेता और हरनौत से लगातार नौ बार विधायक रहे हरिनारायण सिंह का इस बार टिकट कटना राजनीतिक हलचल का विषय बन गया है। अगर उन्हें टिकट मिला होता और वे जीतते, तो यह उनकी लगातार 10वीं जीत होती, जो बिहार में एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड होता। लेकिन इस बार उनका टिकट कट जाने से यह रिकॉर्ड अधूरा रह गया है।
बिहार की राजनीति में ‘क्लब 9’ की रेस
बिहार में अभी तक कोई भी नेता विधानसभा चुनाव दस बार जीतने में सफल नहीं हो पाया है। फिलहाल भाजपा के प्रेम कुमार और जदयू के बिजेंद्र प्रसाद यादव ऐसे दो दिग्गज हैं, जो लगातार आठ-आठ बार विधायक चुनकर अपनी मजबूती साबित कर चुके हैं। दोनों इस बार भी चुनावी मैदान में हैं और यदि वे जीतते हैं, तो ‘क्लब 9’ में शामिल होकर नया इतिहास रचेंगे।
10 बार जीतने का रिकॉर्ड अभी भी अधूरा
अब तक बिहार में नौ बार विधानसभा चुनाव जीतने का रिकॉर्ड सिर्फ तीन नेताओं के नाम दर्ज है – सदानंद सिंह, रमई राम, और हरिनारायण सिंह। सदानंद सिंह और रमई राम के निधन के बाद उम्मीद थी कि जदयू के हरिनारायण सिंह 10वीं बार जीतकर यह रिकॉर्ड अपने नाम कर लेंगे। लेकिन जदयू ने इस बार उनका टिकट कट दिया, जिससे उनका यह सपना अधूरा रह गया। अब तक बिहार में कोई भी नेता 10 बार चुनाव जीतने का कीर्तिमान स्थापित नहीं कर पाया है।
नौवीं जीत से महज एक कदम दूर हैं ये नेता
दो दिग्गज मंत्री, योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव (सुपौल) और सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार (गया) आठ बार विधायक रह चुके हैं। यदि वे इस बार भी जीत हासिल करते हैं, तो वे बिहार के उन चुनिंदा नेताओं में शामिल होंगे जिन्होंने नौ बार विधानसभा चुनाव जीता है।
आठवीं जीत पर हैं ये नेता
केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी अब तक आठ बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। उन्होंने 1980 से 2020 तक लगातार आठ बार चुनाव जीता और 2024 में लोकसभा चुनाव जीतकर केंद्र में मंत्री बने। वहीं सुरेंद्र प्रसाद यादव ने भी 2020 में आठवीं बार विधायक का रिकॉर्ड बनाया था, हालांकि वे फिलहाल सांसद हैं।
आठवीं जीत के मौके पर सिद्दीकी और श्रवण कुमार
भाजपा के नंदकिशोर यादव, राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी और जदयू के श्रवण कुमार सात-7 बार विधायक रह चुके हैं। हालांकि नंदकिशोर यादव को टिकट नहीं मिला, इसलिए वे चुनाव से बाहर हो गए हैं, जबकि सिद्दीकी और श्रवण कुमार चुनावी दौड़ में शामिल हैं। अगर वे जीतते हैं तो यह उनकी आठवीं जीत होगी।
सातवीं जीत के लिए प्रयासरत हैं विजय चौधरी
अनुभवी नेता और संसदीय एवं जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी छह बार विधायक रह चुके हैं। कांग्रेस के विजय शंकर दूबे और अवधेश कुमार सिंह भी छह-छह बार चुनाव जीत चुके हैं। इस बार ये दिग्गज नेता सातवीं या उससे अधिक बार जीत हासिल करने के लिए मैदान में हैं।
