नई दिल्ली । बिग बॉस फेम शिव ठाकरे के लिए मंगलवार की सुबह किसी डरावने सपने से कम नहीं रही जब उनके घर में अचानक शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। तेज धुएं और अचानक उठी लपटों ने कुछ पल के लिए उन्हें स्तब्ध कर दिया। शिव ने बताया कि यह पूरा हादसा इतनी तेजी से हुआ कि कुछ सेकंड तक वह समझ ही नहीं पाए कि उनके आस पास क्या हो रहा है। हादसे के बाद उन्होंने बिल्डिंग प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं जिन पर लंबे समय से बिजली संबंधी समस्याओं को नजरअंदाज करने का आरोप है।
सदमे में शिव ठाकरे और अचानक फैली घबराहट
घटना को याद करते हुए शिव बताते हैं कि सुबह सब कुछ सामान्य था तभी अचानक एक जोर की चमक दिखाई दी और उसके बाद धुआं फैलना शुरू हो गया। वह कहते हैं दस सेकंड तक मैं बिल्कुल नहीं समझ पाया कि हुआ क्या है। जैसे ही हालात थोड़े साफ हुए उन्होंने तुरंत अपने दोस्तों को फोन किया और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। राहत की बात यह रही कि दमकल की टीम सिर्फ पांच मिनट में पहुंच गई जिससे बड़ा हादसा टल गया।
शिव बताते हैं कि आग हॉल तक ही सीमित रह गई वरना बेडरूम में पहुंच जाती तो शायद मैं बाहर नहीं निकल पाता। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी नानी अक्सर हॉल में ही रहती हैं और अगर वह उस दिन वहां होतीं तो स्थिति और भी भयावह हो सकती थी। सौभाग्य से वह इन दिनों गांव में हैं जिससे उनका जानमाल का खतरा टल गया।
बिल्डिंग मैनेजमेंट की लापरवाही पर गंभीर सवाल
शिव ठाकरे ने बिल्डिंग मैनेजमेंट के रवैये पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि वह पिछले कई दिनों से बिजली की अनियमितताओं और संभावित खतरे की शिकायतें कर रहे थे लेकिन प्रबंधन ने कोई महत्व ही नहीं दिया। घटना के समय न तो फायर अलार्म बजा और न ही आपात स्थिति में पानी उपलब्ध था। शिव के मुताबिक सोसाइटी अच्छी होने के बावजूद सुरक्षा व्यवस्था बिल्कुल असफल रही।उन्होंने कहा मैनेजमेंट ने इस पूरे मामले की जिम्मेदारी बिल्डर पर डाल दी और बिल्डर ने साफ कहा कि यह उनकी जिम्मेदारी नहीं है। इस तरह दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप लगा रहे थे और कोई भी अपनी गलती मानने को तैयार नहीं था। सोसाइटी के बुजुर्ग भी घटनास्थल पर आ गए और सभी ने एक ही सवाल किया कि आखिर कब तक शिकायतें अनसुनी की जाएंगी क्या किसी गंभीर हादसे के बाद ही कार्रवाई होगी।
शिव बताते हैं कि मैनेजमेंट का कहना था कि फायर अलार्म तब बजता है जब आग काफी इंटेंस हो जाती है। इस पर शिव ने सवाल उठाया कि इससे ज्यादा इंटेंस क्या होता कोई जल जाता तब अलार्म बजता। उन्होंने कहा कि आग की शुरुआत ही सुरक्षा प्रणाली की विफलता को दिखाने के लिए काफी थी लेकिन सिस्टम ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
घटना के बाद घर छोड़ने पर मजबूर शिव
इस घटना का सबसे बड़ा असर यह हुआ कि शिव ठाकरे को तुरंत अपना घर छोड़ना पड़ा। उन्होंने बताया कि रात उन्होंने एक दोस्त के घर पर बिताई क्योंकि उनका घर रहने लायक नहीं था। अब उन्हें नए घर की तलाश करनी पड़ रही है और जल्द ही कुछ विकल्प फाइनल करने होंगे। इस घटना से उनके परिवार वाले भी बेहद चिंतित हैं। उनकी दीदी तुरंत मुंबई पहुंच गई हैं ताकि वह शिव के साथ रह सकें और आगे की व्यवस्था में मदद कर सकें।
शिव के इस दर्दनाक अनुभव ने एक बार फिर साबित कर दिया कि लापरवाही चाहे कितनी भी छोटी क्यों न हो वह बड़ी घटना का कारण बन सकती है। सोसाइटी में फायर सेफ्टी के पर्याप्त इंतजाम न होना और समय पर चेतावनी न मिलना लोगों की जान के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। शिव ठाकरे की इस घटना से बाकी लोगों को भी सीख लेनी चाहिए कि छोटी से छोटी शिकायत को भी नजरअंदाज न करें और सुरक्षा को हमेशा प्राथमिकता दें।
