नई दिल्ली। महाराष्ट्र की राजनीति में गठबंधन समीकरण एक बार फिर बदलते नज़र आ रहे हैं। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सांसद संजय राउत ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) चाहती है कि कांग्रेस को भी साथ लेकर चला जाए। उनके इस बयान ने इस अटकल को और हवा दे दी है कि राज ठाकरे नीत मनसे, विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (MVA) का हिस्सा बन सकती है।
हालांकि, राउत के बयान के बाद मनसे ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। पार्टी नेता संदीप देशपांडे ने कहा कि मनसे की स्थिति पर कोई बाहरी टिप्पणी मायने नहीं रखती। उन्होंने साफ कहा, “पार्टी का रुख केवल पार्टी प्रमुख राज ठाकरे तय करेंगे। भविष्य में भी हमारा स्टैंड हम ही बताएंगे, कोई और नहीं।”
राउत की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब राज्य में स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारियां चल रही हैं और राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे फिर एक मंच पर आ सकते हैं। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मनसे एमवीए का औपचारिक हिस्सा बनेगी या नहीं।
मीडिया से बातचीत में संजय राउत ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल से कुछ मुद्दों पर चर्चा की है और जल्द ही राहुल गांधी से भी बात करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि उद्धव ठाकरे स्वयं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से बातचीत करने वाले हैं।
राउत ने यह भी स्वीकार किया कि कांग्रेस के कुछ नेता मनसे के साथ गठबंधन को लेकर असहज हैं। उन्होंने कहा, “राज्य की राजनीति में हर किसी की अपनी जगह है। जिस तरह शिवसेना (उद्धव) की अपनी पहचान है, वैसे ही मनसे, राकांपा (शरद पवार गुट) और वामपंथी दलों की भी अपनी भूमिका है।”
राज ठाकरे की मनसे अगर एमवीए में शामिल होती है तो यह महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है। इससे न सिर्फ विपक्ष की ताकत बढ़ेगी बल्कि भाजपा-शिंदे गठबंधन के लिए नया चुनौतीपूर्ण समीकरण भी बन सकता है।
