नई दिल्ली । रायपुर/हैदराबाद। छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की संयुक्त कार्रवाई में माओवादी संगठन को पिछले 48 घंटों में भारी नुकसान हुआ है। जिसमें सुरक्षा बलों के निर्णायक अभियानों से चार दशक से ज्यादा समय से बस्तर में जड़ें जमाए माओवादी अब खत्म होने की कगार पर पहुँच गए हैं।
तीन बड़े ऑपरेशन, टॉप कमांडरों का खात्मा
सुरक्षा बलों को 18 और 19 नवंबर को मिली सफलताएं माओवादी संगठन के लिए अब तक का सबसे बड़ा झटका मानी जा रही हैं। माड़वी हिड़मा ढेर 18 नवंबर
देश के सबसे खूंखार और ₹1 करोड़ इनामी माओवादी कमांडर माड़वी हिड़मा को आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की त्रि-सीमा पर मुठभेड़ में मार गिराया गया। उसके साथ उसकी पत्नी राजे और वरिष्ठ सदस्य टेक शंकर सहित चार अन्य माओवादी भी मारे गए।
AO बॉर्डर प्रमुख मारा गया 19 नवंबर आंध्र प्रदेश के मरेडुमिल्ली इलाके में हुई मुठभेड़ में मेटुरी जोगा राव उर्फ शंकर आंध्र-ओडिशा बॉर्डर का प्रमुख और तकनीकी कामों में माहिर सहित सात कट्टर माओवादी मारे गए।बस्तर में 40 लाख इनामी ढेर 19 नवंबर बस्तर में हुई एक और मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने ₹40 लाख इनामी टेक शंकर सहित सात हार्डकोर माओवादियों को मार गिराया।
50 माओवादी गिरफ्तार, संगठित होने की कोशिश नाकाम
हिड़मा के मारे जाने के बाद भाग रहे माओवादियों को पकड़ने के लिए आंध्र प्रदेश पुलिस ने पांच जिलों में छापेमारी की। जहां 50 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें तीन स्पेशल जोनल कमिटी सदस्य लखमा, मदन्ना, सोढ़ी मनीला और पांच डिवीजनल कमिटी सदस्य शामिल थे।गिरफ्तार लोगों के पास से ₹25 लाख नकद, एक AK-47 दो राइफलें एक पिस्टल और भारी मात्रा में विस्फोटक सामान मिला।
दुःखद बलिदान शहीद हुए इंस्पेक्टर आशीष शर्मा
इन सफलताओं के बीच, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ पुलिस के संयुक्त अभियान में मैकल पर्वत श्रृंखला के एमएमसी जोन में हुई मुठभेड़ में मध्य प्रदेश के इंस्पेक्टर आशीष शर्मा वीरगति को प्राप्त हुए।शहीद आशीष शर्मा को पूर्व में दो बार भारत सरकार द्वारा वीरता पदक से सम्मानित किया जा चुका था।मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने नक्सल उन्मूलन के राष्ट्रीय अभियान में उनके सर्वोच्च बलिदान को सदैव अविस्मरणीय बताया। सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई और केंद्र सरकार के 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने के लक्ष्य की दिशा में यह एक निर्णायक कदम है। बस्तर के आदिवासी इलाकों में अब शांति और विकास की उम्मीद बढ़ गई है।
