नई दिल्ली । राजधानी नई दिल्ली के दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय (South Asian University) में 12 अक्टूबर को एक छात्रा के साथ कथित यौन उत्पीड़न की घटना सामने आई। घटना की जानकारी मिलते ही विश्वविद्यालय परिसर में हड़कंप मच गया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत चार सदस्यीय जांच समिति गठित की और पुलिस के साथ मिलकर मामले की जांच शुरू कर दी।
सूत्रों के अनुसार, यह घटना विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम के पास दोपहर लगभग 3 बजे हुई। पीड़िता के परिचित ने इस घटना की सूचना पीसीआर को दी। दक्षिण जिला पुलिस के उपायुक्त (DCP) अंकित चौहान मौके पर पहुंचे और तुरंत जांच में जुट गए। घटना के तुरंत बाद छात्रा को काउंसलिंग के लिए भेजा गया और उसका मेडिकल परीक्षण भी कराया गया। हालांकि, देर शाम तक छात्रा ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले में पूरी पारदर्शिता का भरोसा दिलाते हुए कहा कि वह पुलिस जांच में पूर्ण सहयोग कर रहा है। जांच समिति की अध्यक्षता प्रोफेसर संजय चतुर्वेदी कर रहे हैं, जबकि कल्पना उज्जैनवाला सचिव हैं। समिति के अन्य सदस्य रितु गौड़ और कविता खन्ना हैं। प्रशासन ने समिति को 10 दिनों के भीतर डिटेल रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
घटना के बाद विश्वविद्यालय परिसर में तनाव का माहौल देखने को मिला। सोमवार शाम लगभग 6 बजे बड़ी संख्या में छात्र प्रशासनिक भवन के बाहर धरना प्रदर्शन के लिए इकट्ठा हुए। छात्रों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने मामले में कार्रवाई में देरी की और अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया। छात्रों ने मांग की कि पीड़ित छात्रा को न्याय मिले और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
साउथ एशियाई यूनिवर्सिटी के पब्लिक रिलेशंस ऑफिसर ने बयान जारी करते हुए कहा, “पुलिस मामले की जांच कर रही है और विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह से जांच एजेंसियों के साथ सहयोग कर रहा है। हम सभी छात्रों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं।”
इस कथित यौन उत्पीड़न की घटना ने विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी के तरीकों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन और पुलिस दोनों की सक्रियता और जांच रिपोर्ट के आने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
