नई दिल्ली । बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जनता दल यूनाइटेड (JDU) से बड़ी राजनीतिक खबर सामने आई है। एनडीए में सीट बंटवारे के बाद राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है और जेडीयू व बीजेपी के बीच गठबंधन और सीट शेयरिंग को लेकर माहौल काफी गर्म है। इसी बीच, पार्टी के सांसद अजय कुमार मंडल ने मंगलवार (14 अक्टूबर, 2025) को अचानक इस्तीफा दे दिया और अपना त्यागपत्र सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंपा।
अजय कुमार मंडल ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर इस्तीफे की जानकारी साझा की। उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय सांसद होने के बावजूद विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के निर्णय में उनसे कोई सलाह नहीं ली गई। उनका कहना था कि ऐसे हालात में उनके पद पर बने रहना औचित्यहीन हो गया।
उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि पिछले 20-25 वर्षों से वह भागलपुर क्षेत्र में विधायक और सांसद के रूप में जनता की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने जनता दल (यू) को अपने परिवार की तरह माना और संगठन, कार्यकर्ताओं और जनसंपर्क को मजबूत करने में अपना योगदान दिया। अजय मंडल ने यह भी बताया कि उन्होंने भागलपुर और नवगछिया जिले में जिला अध्यक्ष, प्रभारी और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर हमेशा पार्टी को मज़बूत बनाने का काम किया।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पिछले कुछ महीनों में संगठन द्वारा लिए गए निर्णय पार्टी और उसके भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। अजय मंडल ने साफ किया कि विधानसभा चुनाव में जिन लोगों को टिकट दिया जा रहा है, वे संगठन के लिए कभी सक्रिय रूप से काम नहीं कर चुके, जबकि स्थानीय नेतृत्व और जिला अध्यक्ष की राय पूरी तरह नजरअंदाज की जा रही है।
अजय मंडल ने पार्टी नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें नीतीश कुमार से मिलने तक नहीं दिया गया और उनकी राय को अनसुना किया गया। उनका उद्देश्य किसी प्रकार की नाराजगी या विरोध नहीं है, बल्कि पार्टी और नेतृत्व को भविष्य में किसी नुकसान से बचाना है। उन्होंने चेतावनी दी कि बाहरी या निष्क्रिय लोगों को प्राथमिकता देने से पार्टी की जड़ें कमजोर होंगी और इसका असर मुख्यमंत्री के नेतृत्व पर भी पड़ेगा।
इस कदम के बाद बिहार की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि अजय मंडल के इस्तीफे से चुनावी रणनीतियों और गठबंधन समीकरणों पर असर पड़ सकता है, खासकर जब सीट बंटवारे को लेकर पहले ही भाजपा-जेडीयू के बीच मतभेद की चर्चा हो रही थी।
