नई दिल्ली। देश के सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने आतंकवाद और सीमा सुरक्षा को लेकर सख्त संदेश दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आतंकवादी और उनके समर्थक दोनों समान रूप से जिम्मेदार हैं और जो कोई भी आतंकवाद को बढ़ावा देगा उसे कड़ा जवाब मिलेगा। उनके बयानों में देश की सुरक्षा के प्रति अडिग संकल्प झलकता है।
जनरल द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर का हवाला देते हुए कहा कि यह केवल एक ट्रेलर था जिसे 88 घंटे में सफलतापूर्वक पूरा किया गया। उन्होंने पाकिस्तान को भी चेतावनी दी और कहा कि भारत किसी भी ब्लैकमेल से नहीं डरेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि समयबद्ध कार्रवाई और त्वरित इंटीग्रेशन से ही तेज और प्रभावी जवाब संभव है।
सेना प्रमुख ने पिछले एक साल में सुरक्षा ढांचे में हुए सुधारों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के नेताओं के बीच संवाद बढ़ा है और 1 अक्टूबर से लागू सुधारों ने बॉर्डर पर नियंत्रण और सुरक्षा को बेहतर बनाया है। रक्षा मंत्री की हालिया यात्रा के दौरान भी यह चर्चा हुई कि स्थिति को सहज बनाना आवश्यक है।
जम्मू-कश्मीर पर बात करते हुए जनरल द्विवेदी ने कहा कि वहां के लोग भारत के हर कोने से जुड़ना चाहते हैं और लौटकर अपनी जिम्मेदारी निभाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में शिक्षा और विकास के क्षेत्र में भी सुधार हुआ है। स्कूलों की संख्या में 21% वृद्धि हुई है और कॉलेज, IIT और IIM खुल रहे हैं।
सेना प्रमुख ने भारत की सैन्य शक्ति के बारे में कहा कि यह लगातार बढ़ रही है और वर्तमान में डिटरेंस प्रभावी रूप से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद में भी गिरावट आई है। पिछले समय में 31 मिलिटेंट मारे गए, जिनमें 21 पाकिस्तानी थे। अब पत्थरबाजी नहीं होती और अमरनाथ यात्रा में लोग बिना किसी डर के शामिल हो रहे हैं।
जनरल द्विवेदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सकारात्मक बदलाव आ रहे हैं, लोग भारत पर विश्वास कर रहे हैं और पाकिस्तान के प्रति मोह कम हो रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारतीय सेना हर स्तर पर तत्पर है और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।उनके बयान से यह साफ है कि भारत आतंकवाद और सीमा सुरक्षा के मामले में पूरी तरह सतर्क है और किसी भी चुनौती का जवाब देने के लिए तैयार है
