पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की सियासत में नए सुर गूंजने लगे हैं। लोकप्रिय लोकगायिका मैथिली ठाकुर मंगलवार को पटना में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गईं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। मैथिली ठाकुर के भाजपा में आने से मिथिला क्षेत्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।भाजपा सूत्रों के अनुसार, पार्टी मैथिली ठाकुर को दरभंगा जिले की अलीनगर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बना सकती है। पार्टी का मानना है कि मैथिली की लोकप्रियता और साफ छवि से मिथिला में भाजपा को नया जनाधार मिल सकता है।
मैथिली बोलीं – पार्टी जो कहेगी, वही करूंगी
भाजपा में शामिल होने के बाद मैथिली ठाकुर ने कहा, राजनीति मेरे लिए नया रास्ता है, लेकिन सेवा की भावना पहले से रही है। पार्टी मुझसे जो कहेगी, मैं वही करूंगी। मेरा मकसद जनता के बीच रहकर काम करना है, न कि सिर्फ चुनाव लड़ना। उन्होंने कहा कि, उन्होंने एनडीए सरकार के नेतृत्व में बिहार के विकास कार्यों को नजदीक से देखा है और वह उस यात्रा का हिस्सा बनना चाहती हैं।
कौन हैं मैथिली ठाकुर?
मधुबनी जिले के बेनीपट्टी की रहने वाली मैथिली ठाकुर का जन्म 25 जुलाई 2000 को हुआ था।
वे संगीतकार रमेश ठाकुर और संगीत शिक्षिका भारती ठाकुर की बेटी हैं।
मैथिली ने बहुत कम उम्र में ही अपनी पहचान बनाई।
साल 2011 में 11 साल की उम्र में उन्होंने संगीत के मंचों पर प्रदर्शन शुरू किया और ‘इंडियन आइडल जूनियर’ जैसे शो से घर-घर प्रसिद्ध हुईं।
उनकी मधुर आवाज़ और मैथिली लोकगीतों ने उन्हें मिथिला की सांस्कृतिक पहचान बना दिया है।
पहले से चल रही थीं चर्चाएं
बीते महीनों में मैथिली ठाकुर की राजनीति में एंट्री की चर्चा जोर पर थी।
उन्होंने कुछ दिन पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय से मुलाकात की थी।
तभी से यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि वे जल्द पार्टी में शामिल हो सकती हैं।
अब उनके भाजपा में शामिल होने के बाद यह तय माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें सक्रिय भूमिका दे सकती है।
भाजपा की नई रणनीति, संस्कृति और युवाओं पर फोकस
भाजपा इस बार बिहार चुनाव में युवाओं और सांस्कृतिक चेहरों को आगे लाने की रणनीति पर काम कर रही है।
मैथिली ठाकुर जैसी लोकप्रिय गायिका पार्टी के लिए संस्कृति और महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बन सकती हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मैथिली ठाकुर के आने से भाजपा को मिथिला और उत्तर बिहार के सांस्कृतिक वर्ग में नई मजबूती मिलेगी। भाजपा में मैथिली ठाकुर की एंट्री से बिहार की सियासत में नया अध्याय शुरू हो गया है।
अब देखना होगा कि, लोकसंगीत की यह मधुर आवाज़, चुनावी मैदान में पार्टी के लिए कितनी सुरमयी साबित होती है।
