नई दिल्ली । बिहार(Bihar) विधानसभा चुनाव (assembly elections)के नतीजे आ चुके हैं, जिसमें भाजपा के नेतृत्व(BJP leadership) वाले NDA गठबंधन(NDA alliance) ने ऐतिहासिक सफलता प्राप्त करते हुए 202 सीटें हासिल की हैं, जबकि RJD के नेतृत्व वाला महागठबंधन सिर्फ 35 सीटों पर ही सिमट गया। इस दौरान कांग्रेस सिर्फ 6 सीटों पर सिमट गई। जिसके बाद उसके लिए इस हार को पचा पाना बेहद मुश्किल हो रहा है, इसी बीच पार्टी के एक दिग्गज नेता ने इस चुनाव परिणामों की तुलना उत्तर कोरिया, रूस और चीन में होने वाले चुनावों से कर दी है। यह तुलना मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व महासचिव और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने की है।
इस बारे में सिंह ने शनिवार को प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया कि बिहार में उत्तर कोरिया, रूस और चीन स्टाइल में चुनाव हुए हैं, जहां सारे वोट एक ही पार्टी को जाते हैं। यह बात उन्होंने मध्यप्रदेश के गुना जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर आवन गांव में संवाददाताओं से बात करते हुए कही। उन्होंने कहा, ‘जो नतीजे आए हैं, वे उत्तर कोरिया, चीन और रूस के चुनावों जैसे हैं, जहां सभी वोट एक ही पार्टी को जाते हैं।’
‘हटाए गए 62 लाख नामों का कोई हिसाब नहीं’
SIR प्रक्रिया का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘62 लाख नाम हटाए गए और 20 लाख नाम जोड़े गए। निर्वाचन आयोग (ईसी) ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि किसके नाम हटाए गए और किसके जोड़े गए।’ सिंह ने कहा कि यह जानना हर किसी का अधिकार है कि उसने जो वोट डाला, वह उसके इच्छित उम्मीदवार को गया या नहीं।
‘निर्वाचन आयोग पर जिम्मेदारी, वह लोगों का विश्ववास दोबारा जीते’
उन्होंने कहा,’मेरे वोट की गिनती होनी चाहिए। मुझे एक रसीद मिलनी चाहिए जिससे पता चले कि मेरा वोट कहां गया। दुनिया में जहां भी ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) का इस्तेमाल होता है, वहां बटन दबाने के बाद एक रसीद दी जाती है। यह निर्वाचन आयोग की जिम्मेदारी है कि लोगों का ईवीएम पर भरोसा हो।’
यह पूछे जाने पर कि क्या महिला उद्यमियों को 10,000 रुपए देने वाली ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ बिहार चुनावों में एक मुद्दा बनी, कांग्रेस नेता ने कहा, ‘यह पैसा किसका है? यह जनता का पैसा है। आप एक हाथ से जनता से पैसा लेते हैं और दूसरे हाथ से उसे वापस कर देते हैं।’
सूची में नाम जोड़ने की जिम्मेदारी आयोग की’
मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) से संबंधित एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, सिंह ने कहा कि मतदाता सूची में नाम जोड़ने की जिम्मेदारी निर्वाचन आयोग की है। ‘उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि फॉर्म भरा जाए। अब वे कह रहे हैं कि आप फॉर्म भरें, अपने पिता का जन्म प्रमाण पत्र लाएं, अपने दादा का जन्म प्रमाण पत्र लाएं। जिसने मैट्रिक पास नहीं किया है, वह मैट्रिक का प्रमाण पत्र कहां से लाएगा।’
आगे उन्होंने निर्वाचन आयोग पर प्रक्रिया को जटिल बनाने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘आपका पासपोर्ट आधार से बनता है और आप आधार से बैंक खाता खोल सकते हैं। फिर यहां आधार का उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा है? सुप्रीम कोर्ट पहले ही ऐसा कह चुका है। उन्होंने 11 दस्तावेज़ों की सूची दी है, लेकिन आधार को शामिल नहीं किया है।’
भाजपा के नेतृत्व वाले राजग ने बिहार चुनाव में कांग्रेस, राजद और अन्य दलों के ‘महागठबंधन’ को करारी शिकस्त दी और 243 सदस्यीय विधानसभा में 200 से ज़्यादा सीट जीतीं। कांग्रेस को सिर्फ छह सीट मिलीं।
