बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को स्पष्ट किया कि यदि कांग्रेस आलाकमान चाहे तो वह पूरे पांच साल के कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे। यह बयान ऐसे समय में आया है जब पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को लेकर लगातार चर्चाएं हो रही हैं। नवंबर में कांग्रेस सरकार अपने ढाई साल के कार्यकाल को पूरा कर रही है और ‘‘नवंबर क्रांति’’ की चर्चा जोर पकड़ रही है।
सीएम सिद्धरमैया का नेतृत्व पर भरोसा
सिद्धरमैया ने कहा कि कांग्रेस में कई मुख्यमंत्री पद के दावेदार हो सकते हैं और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में किसी को यह अधिकार नहीं रोका जा सकता कि वह पद के लिए प्रतिस्पर्धा न करे। उन्होंने के. एन. राजन्ना के बयान को व्यक्तिगत राय बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पद की दावेदारी करना किसी के अधिकार में आता है, लेकिन अंतिम फैसला कांग्रेस आलाकमान करेगा। उन्होंने मीडिया द्वारा बार-बार उठाए जाने वाले नेतृत्व परिवर्तन के सवालों को भी केवल चर्चा का कारण बताया।
नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों पर विराम
पार्टी सूत्रों के अनुसार, सत्तारूढ़ कांग्रेस में समय-समय पर मुख्यमंत्री बदलने की अटकलें चलती रही हैं। मई 2023 के चुनाव के बाद सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के बीच सत्ता साझा करने का कथित समझौता हुआ था। कहा गया कि ढाई साल बाद मुख्यमंत्री पद बदलने की योजना थी, लेकिन कांग्रेस ने इसे आधिकारिक तौर पर कभी स्वीकार नहीं किया। इस पृष्ठभूमि में सिद्धरमैया ने अपनी स्थिरता और आलाकमान पर भरोसा जताते हुए स्पष्ट किया कि अगर पार्टी चाहे, तो वह पूरे पांच साल कार्यकाल पूरा करेंगे।
कांग्रेस विधायक राजन्ना का समर्थन
मधुगिरी के कांग्रेस विधायक राजन्ना ने बेंगलुरु में मीडिया से कहा कि सिद्धरमैया कांग्रेस के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने तुलना करते हुए कहा कि जैसे बी.एस. येदियुरप्पा भाजपा के लिए और देवेगौड़ा परिवार JDS के लिए महत्वपूर्ण हैं, वैसे ही सिद्धरमैया का अनुभव और नेतृत्व कांग्रेस के लिए अहम है।
डी.के. शिवकुमार की दिल्ली यात्रा पर भी प्रतिक्रिया
राजन्ना ने कहा कि उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार की नई दिल्ली यात्रा मामूली मामला है और इसके कारण सिद्धरमैया के नेतृत्व पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि पार्टी के निर्देशों का पालन करना कांग्रेस नेताओं की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
बता दें कि, सिद्धरमैया का यह बयान पार्टी में स्थिरता बनाए रखने और अटकलों को खत्म करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि कांग्रेस आलाकमान के निर्णय के बिना किसी भी तरह का नेतृत्व परिवर्तन नहीं होगा। इस बयान से कर्नाटक की सियासी हलचल पर फिलहाल विराम लग सकता है और पार्टी में स्पष्ट संदेश गया है कि मुख्यमंत्री पद पर सिद्धरमैया की पकड़ मजबूत है।
